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ज्‍यादा एक्‍सरसाइज करने से हो सकतें है ये साइड इफेक्‍ट, जरूर पढ़े

शरीर को तंदुरुस्त और हष्ट-पुष्ट रखने के लिए एक्सरसाइज बेहद जरूरी है। वर्कआउट करने से बॉडी को बेहद स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं। एक्सरसाइज बॉडी और दिमाग दोनों को तंदुरूस्त रखती है। ये तनाव को कम करती है और याददाश्त को बेहतर बनाती है। लेकिन अगर आप जरूरत से ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं या बार-बार एक्सरसाइज करते हैं तो उसके आपकी बॉडी पर साइड इफेक्ट भी पड़ते हैं। इसलिए वर्कआउट करने से पहले ट्रेनर से बहेतर सलाह जरूर लें। आइए जानते हैं एकसरसाइज ज्यादा करने के साइज इफेक्ट।

मसल्स पेन हो सकता है:

अधिक एक्सरसाइज करने से मसल्स दर्द करने लगते हैं। कई बार अधिक वेट उठा लेते हैं तो इससे शरीर में दर्द होने लगता है। इतना ही नहीं कभी-कभी मांसपेशियों में खिंचाव भी अधिक हो जाता है, जिसके चलते बॉडी में क्रेम्प आ जाते हैं। लगातार भारी वजन उठाने से ज्वाइंट में इंजीरी हो सकती है, इसलिए ज्यादा एक्सरसाइज करने से परहेज करें।

दिल की धड़कन बढ़ सकती है:

ज्यादा एक्सरसाइज दिल की धड़कन बड़ा सकती है। अगर आप ओवर वर्क करेंगे तो आपके दिल की धड़कने तेज चलेगी जो दिल के लिए नुकसान दायक साबित हो सकता है।

परफॉर्मेंस घट सकती है:

वर्कआउट के दौरान आपको जल्दी थकान हो सकती है। आप साइकलिंग, स्वीमिंग या रनिंग करते हैं तो आप जल्दी थक जाते हैं इसका मतलब है कि आपकी बॉडी ज्यादा एक्सरसाइज की वजह से थक रही है। आप दिमागी और शारीरिक थकान महसूस करते है तो समझ जाइए कि आप ज्यादा एक्सरसाइज की वजह से थके-थके महसूस कर रहे हैं।

नींद नहीं आना:

अधिक एक्सरसाइज करने से ना केवल आपके शरीर में दर्द होता है बल्कि इससे आपकी नींद भी खराब हो जाती है। ज्यादा एक्सरसाइज करने की वजह से बेचैनी हो सकती है जिसकी वजह से जल्दी नींद नहीं आती। इसलिए जरूरी है कि आपको उतनी ही एक्सरसाइज करनी चाहिए जितनी बॉडी की जरुरत है।

मानसिक स्थिति खराब हो सकती है:

प्रिवेंटिव मेडिसिन पत्रिका में प्रकाशित शोध के मुताबिक यदि आप सप्ताह में 7.5 घंटे से अधिक एक्सरसाइज कर रहे हैं, तो आप चिंता, अवसाद और खराब मानसिक स्वास्थ्य के शिकार हो सकते हैं। इतना ही नहीं भ्रम, चिड़चिड़ापन, क्रोध, और मिजाज में बदलाव जैसी परेशानियां भी पैदा हो सकती है।

यूरीन में आ सकता है बदलाव:

यदि आप कसरत के बाद अपने यूरीन के रंग में परिवर्तन महसूस करते हैं, तो यह रिब्डोमायोलिसिस का संकेत हो सकता है। ये एक ऐसी स्थिति है, जब क्षतिग्रस्त मांसपेशियों के ऊतकों से रक्त में रिसाव होता है। इससे किडनी की समस्या भी हो सकती है।

नोट – उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव सामान्‍य जानकारी के लिए हैं इन्‍हें किसी प्रोफेशल डॉक्‍टर की सलाह के रूप में न लें। कोई भी बीमारी या परेंशानी होनें की स्थिति मेंं डॉक्‍टर की सलाह जरूर लें ।     

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