कोलकाता । पश्चिम बंगाल में आसन्न विधानसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी हर हाल में सत्ता पर काबिज होने का लक्ष्य लेकर चल रही है। इसीलिए पार्टी के केंद्रीय नेताओं ने राज्य में लगभग डेरा ही डाल दिया है।
प्रदेश भाजपा सूत्रों ने मंगलवार को बताया है कि फरवरी के हरेक सप्ताह में कोई ना कोई केंद्रीय नेता पश्चिम बंगाल में मौजूद रहेगा। फरवरी के पहले सप्ताह में ही भाजपा राज्य भर में परिवर्तन रथ यात्रा शुरू करने जा रही है। पार्टी की ओर से बताया गया है कि आगामी 6 तारीख को नदिया जिले के नवदीप से रथ यात्रा की शुरुआत होगी जिसे राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा हरी झंडी दिखाएंगे।यह रथ नवदीप से शुरू होकर नदिया, मुर्शिदाबाद और उत्तर 24 परगना के विधानसभा क्षेत्रों से घूमते हुए बैरकपुर में आकर खत्म होगी।
उसके बाद आठ फरवरी को कूचबिहार और काकद्वीप से दो रथ यात्राओं की शुरुआत होगी जिसे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हरी झंडी दिखाएंगे। कूचबिहार से जो रथ यात्रा शुरू होगी वह उत्तर बंगाल घूमते हुए मालदा में खत्म होगी जबकि काकद्विप से शुरू होने वाली रथयात्रा दक्षिण 24 परगना से होते हुए कोलकाता में आकर खत्म होगी। इसके बाद आगामी 9 फरवरी को झाड़ग्राम और तारापीठ से दो रथ यात्राओं की शुरुआत की जाएगी जिसे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा हरी झंडी दिखाएंगे। यह रथयात्रा झाड़ग्राम से होते हुए पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर और हुगली घूमते हुए हावड़ा में आकर खत्म होगी। जबकि तारापीठ से शुरू होने वाली रथयात्रा बीरभूम, बर्दवान, आसनसोल, बांकुड़ा होते हुए पुरुलिया में आकर खत्म होगी।
प्रत्येक रथयात्रा को राज्य के विभिन्न हिस्सों से होकर गुजरते हुए विधानसभा क्षेत्रों में लोगों से जनसंपर्क में कम से कम 20 से 25 दिन का समय लगेगा। इन रथ यात्राओं की सुरक्षा और प्रस्तावित रूट को लेकर मुख्य सचिव अलापन बनर्जी से मिलने और चर्चा के लिए प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष प्रताप बनर्जी ने चिट्ठी दी है।
प्रदेश भाजपा सूत्रों ने यह भी बताया है कि जब रथयात्रा चलेगी तब उद्घाटन करने के बाद भी किसी न किसी दिन आकर जेपी नड्डा और अमित शाह उसी रथयात्रा में कहीं ना कहीं शामिल होंगे। इसके अलावा फरवरी महीने के अंत में भाजपा महिला मोर्चा की एक बड़ी जनसभा होने वाली है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी बुलाने की कोशिश हो रही है। कुल मिलाकर कहा जाए तो बंगाल में आसन्न विधानसभा चुनाव के दौरान हर हाल में सत्ता पर काबिज होने के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है।
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