जबलपुर। ओमती पुलिस ने बताया कि माननीय न्यायालय तन्मय सिंह न्यायिक मजिस्ट्रेट से मिले मेमो के आधार पर आवेदक महेंद्र श्रीवास की शिकायत पर सरबजीत सिंह मोखा, मैनेजर सोनिया खत्री, डॉक्टर प्रदीप पटेल एवं अभिषेक चक्रवर्ती के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की गई है। पीडि़त महेंद्र श्रीवास ने पुलिस को बताया कि 23 मार्च 2021 को उसने अपने पिता विजय कुमार श्रीवास को सिटी अस्पताल में ‘सीजीएचएसÓ सुविधा के तहत एडमिट कराया था। अस्पताल ने विजय कुमार का सीटी स्केन कराया, इसके बाद डॉक्टर प्रदीप पटेल ने बताया कि आपके पिता कोरोना पॉजीटिव हैं। करीब 2 सप्ताह के उपचार के बाद डाक्टरों ने कह दिया कि आप पिता को घर ले जाएं, अस्पताल में उन्हें इन्फेक्शन हो जाएगा।
डॉक्टरों ने परिवार को डराते हुए पिता को डिस्चार्ज कर दिया। 13 अप्रैल को पुन: पिता को अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने इसी दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगने के बाद इन्फेक्शन और बढ़ गया। पिता का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता गया और 3 मई 2021 को उनकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने कह दिया कि मौत ‘सडन कार्डियक अरेस्टÓ के कारण हुई है। इस प्रकरण में कोर्ट के आदेश पर ओमती पुलिस अपराध पंजीबद्ध कर जांच कर रही है।
जबलपुर। समाजिक एवं शैक्षणिक कार्य के लिए शासन से लीज पर ली गई जमीनों को व्यापारिक इस्तेमाल एवं सुनियोजित तरीके से एक प्लॉट की अपने नाम रजिस्ट्री कराने के मामले में एफआईआर दर्ज हो सकती है। प्रशासन की टीम यूनाइटेड क्रिश्चियन मिशनरी सोसायटी से जुड़ी सभी जमीनों का रिकॉर्ड खंगाल रही है। चीटिंगबाजी सहित दस्तावेजों […]
जबलपुर। शहर का केंट विधानसभा क्षेत्र शुरू से ही कांग्रेस का मजबूत गढ़ रहा था। 1977 की जनता लहर में भी कांग्रेस केंट से जीती। कांग्रेस के इस मजबूत गढ़ को उखाडऩे का जिम्मा भाजपा संगठन ने संगठन क्षमता के बेहदधनी रहे ईश्वर दास रोहाणी को सौंपा था। जब विधानसभा के चुनाव हुए तो केंट […]
मारपीट करने वाले आरोपियों की तलाश जबलपुर। हनुमानताल थाने में राविन्द्र साहू उम्र 37 वर्ष निवासी सरकारी कुआ ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि वह जिला रीवा का रहने वाला है। वह अपनी लड़की की शादी करने के लिये सरकारी कुआ अपने लड़के के घर आया था । वह घर पर अपने साले सुरेश साहू ओर […]
जबलपुर। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ ने जारी विज्ञप्ति में बताया की प्रदेश सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा, शिक्षा विभाग, पंचायत विभाग आदि विभाग में संविदा कल्चर अपनाते हुए विगत 12 से 15 वर्षो में नियमित पदों के विरूद्ध संविदा कर्मचारियों को रखा जा रहा है। लेकिन नियमित कर्मचारियों के वेतन का 90 […]