– अधिकारियों ने चौकी का पूरा स्टाफ हटाया
– डीसीपी ने की जनसुनवाई
– नहीं हो रहा है अपराध पर नियंत्रण
इंदौर। अपराध में पिछले कई सालों से नंबर वन बाणगंगा थाने (Banganga Police Station) में अपराध (Crime) पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। पुलिस ने यहां की चौकी का पूरा स्टाफ बदल दिया। डीसीपी खुद थाने जाकर जनसुनवाई (Public Hearing) कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद अपराधों पर नियंत्रण नहीं हो रहा है। एक मात्र विकल्प थाने को तोडक़र नया थाना बनाना है, जिसका प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है और मंजूर भी हो गया है, लेकिन नया थाना अब तक खुल नहीं सका है।
शहर में बाणगंगा थाना और लसुडिय़ा थाना (Lasudia Police Station) पिछले कई सालोंं से अपराध में नंबर वन और टू बने हुए हैं। इस साल भी यह सिलसिला जारी है। बाणगंगा थाने की बात करे तो यहां हर साल दो हजार से अधिक एफआईआर दर्ज हो रही है। इस साल की बात करे तो अब तक चार माह में यहां 730 एफआईआर दर्ज हुई है, जो शहर में अन्य थानों से तीन गुना है। हर माह यहां 182 केस दर्ज हो रहे हैं। अपराधों पर नियंत्रण के लिए पुलिस ने कुछ दिन पहले यहां की भागीरथपुरा चौकी (Bhagirathpura Chowki) का पूरा स्टाफ बदल दिया, वहीं डीसीपी धर्मेंद्रसिंह भदौरिया (DCP Dharmendra Singh Bhadauria) यहां खुद थाने में बैठकर जनसुनवाई कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद अपराधों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। इसके चलते पुलिस कमिश्ररी लागू होने के बाद इन दोनों थानों को तोडक़र नए थाने बनाने का प्रस्ताव बनाकर भोपाल मुख्यालय भेजा गया था, जो मंजूर भी हो चुका है, लेकिन अब तक ये दोनों थाने अस्तित्व में नहीं आ सके हैं। पहले भागीरथपुर चौकी को थाना बनाने का प्रस्ताव था। बाद में सुपर कॉरिडोर थाना बनाने का प्रस्ताव भेजा गया था, जबकि लसूडिय़ा थाने को तोडक़र महालक्ष्मी नगर थाने का प्रस्ताव है। यहां भी दो हजार से अधिक अपराध दर्ज हैं।
सबसे अधिक गुंडे बाणगंगा थाने में
पुलिस सूत्रों का कहना है कि शहर में सब से अधिक सूचीबद्ध गुंडे इसी थाने में हैं, जबकि शहर में अन्य थानों में होने वाले अपराधों में भी यहीं के गुंडे पकड़े जाते हैं। इसके अलावा अवैध शराब और ड्रग्स का भी यह गढ़ बना हुआ है। नशे के चलते ही पिछले दिनों पुलिस कमिश्नर ने भागीरथपुरा चौकी का पूरा स्टाफ बदल दिया था।