सीहोर (Sehore)। Christmas celebration-मध्यप्रदेश के सीहोर में करीब डेढ़ सौ साल पहले अंग्रेजों ने पॉलिटिकल एजेंट (political agent) के माध्यम से अपनी सत्ता स्थापित की थी। आजादी के बाद भी अंग्रेजों की ऐतिहासिक विरासत प्राचीन भवनों (historical heritage ancient buildings) में दिखाई देती है।
आस्था के प्रतीक चर्च आज भी ब्रिटिश दौर की यादों और शैली को प्रदर्शित करते हैं। सीहोर शहर का ऑल सेंट चर्च अपनी स्थापना का 155वां साल पूरा कर रहा है, जो न केवल ईसाई समुदाय की आस्था का प्रतीक है बल्कि ऐतिहासिक इमारत के रूप में ख्याति प्राप्त भी है। शहर के दक्षिण पूर्व में स्थित बड़ा सा इलाका चर्च खेल मैदान, बांसों के झुरमुट के साथ ऑल सेंट चर्च के रूप में ख्याति अर्जित किए है। ऑल सेंट चर्च का निर्माण अंग्रेज पॉलिटिकल एजेंट जेडब्ल्यू ओसविन ने 1867 में पूरा कराया था।
सबसे बड़े पर्व क्रिसमस में अब महज एक दिन शेष बचा है. 25 दिसंबर को क्रिसमस पर्व मनाया जाएगा. पर्व को लेकर प्रदेश भर के चर्चों में सजावट की जा रही है. इसी के चलते राजधानी भोपाल के नजदीकी जिले सीहोर में स्थित चर्चों में तैयारियां की जा रही है. खास बात यह है कि मध्य प्रदेश के सीहोर में एशिया का सबसे सुंदर चर्च है. स्कॉटलैंड के चर्च की तर्ज पर इसका निर्माण कराया गया था. चर्च के निर्माण में 27 साल लगे थे.
2004 में परिवार आया था सीहोर
बताया जाता है कि इस चर्च की ख्याति सुनकर ओस्बर्न की 5वीं पीढ़ी के बैरिस्टर निकोलसन और उनकी पत्नी अलेक्जेंड्रिया साल 2004 में अपने परदादा द्वारा बनवाए गए चर्च को देखने के लिए सीहोर आए थे, जिसे देखकर वह दोनों बहुत खुश हुए थे. मसीह समाज के स्थानीय लोगों के अनुसार इस चर्च में पहली बार वर्ष 1850 में प्रार्थना की गई थी. ब्रिजिश काल के सैनिक अधिकारी इसी चर्च में प्रार्थना के लिए आते थे.
एक एकड़ में फैला है चर्च
चर्च का निर्माण में नक्काशी ठीक उसी तरह की गई, जिस तरह स्कॉटलैंड के चर्च में की गई. चर्च के निर्माण में वास्तुशास्त्र का भी ध्यान रखा गया. चर्च के आसपास बांसों के झुरमुट लगाए गए हैं, जो आज भी सीहोर की पहचान बने हुए हैं. इस चर्च में 100 लोगों के बैठने की व्यवस्था है.
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