
आने-जाने के लिए बनना है 900-900 मीटर की दो सुरंग
इंदौर। निर्माणाधीन इंदौर-अकोला फोरलेन हाईवे प्रोजेक्ट के तहत तीसरी सुरंग का काम शुरू करने से पहले की तैयारियां प्रारंभ हो गई हैं। यह सुरंग मुख्तियारा बलवाड़ा स्टेशन से पहले बनाई जाना है। कांट्रेक्टर कंपनी मेघा इंजीनियरिंग ने साइट पर पौधों और झाडिय़ों की साफ-सफाई शुरू कर दी है। यह काम पूरा होने के बाद वहां निर्माण मशीनरी और वाहनों के आने-जाने का रास्ता बनेगा।
हालांकि अभी नेशनल हाईवेज अथॉरिटी आफ इंडिया (एनएचएआई) के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय से सुरंग निर्माण की लिखित मंजूरी नहीं आई है, लेकिन इसके निर्माण की सैद्धांतिक स्वीकृति पहले ही वहां से मिल चुकी है। उसी आधार पर सुरंग निर्माण की तैयारियां शुरू की गई हैं। तीसरी सुरंग (एक जोड़ी) 900 मीटर लंबी होगी। वहां आने-जाने के लिए इतनी लंबाई की दो सुरंग (कुल लंबाई 1800 मीटर) बनाना होंगी। यह काम अगले एक साल में पूरा करने का लक्ष्य है। सुरंग निर्माण पर लगभग 300 करोड़ रुपए अतिरिक्त रूप से खर्च होंगे। उक्त हाईवे पर पहले से दो सुरंगों का निर्माण सिमरोल और बाईग्राम में हो रहा है। तीसरी सुरंग बनाना इसलिए जरूरी था, क्योंकि इससे हजारों पेड़ कटने से बचेंगे, साथ ही सुरंग से पहाड़ों को काटकर रास्ता नहीं बनाना पड़ेगा।
इस महीने आ जाएगी लिखित अनुमति
एनएचएआई अफसरों का कहना है कि फरवरी में तीसरी सुरंग के निर्माण की लिखित अनुमति आ जाएगी। उसके बाद मार्च से सुरंग निर्माण की और गतिविधियां शुरू हो जाएंगी।
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