नई दिल्ली: पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) को अटक जेल (Atak Jail) में जान से मारने का खतरा है, जिसमें वह बंद हैं. यह सनसनीखेज आरोप देश में विपक्षी ताकत बन चुके पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) प्रमुख के करीबी सहयोगी ने लगाया है. डॉ सलमान अहमद लंबे समय से इमरान खान के चुनाव अभियान के प्रभारी रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि एक हत्यारे को उसी जेल के अंदर रखा जाएगा और इमरान खान पर हमला किया जाएगा.
अहमद ने बताया कि खान को जेल में अपनी जान का खतरा है. क्योंकि अताउल्लाह तरार के नेतृत्व में इमरान खान के खिलाफ एक और धार्मिक घृणा अभियान शुरू किया गया है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) नेता ने शनिवार को पीटीआई के खिलाफ ताजा हमला बोलते हुए कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए दुनिया को यह संदेश दिया गया है कि पाकिस्तान एक सुरक्षित देश नहीं है.
अहमद ने आगे आरोप लगाया कि खान की जान को जेल में कैद एक धार्मिक चरमपंथी से खतरा है, जिसे एक घातक हमले को अंजाम देने के लिए काम पर रखा गया है. उन्होंने कहा कि जब भी खान को जमानत मिलेगी और वह जेल परिसर से बाहर जा रहे होंगे, तब उनपर हमला किया जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बीच इमरान खान ने कहा कि वह उच्च सुरक्षा वाली जेल के माहौल में वह घुल-मिल गए हैं. एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, 70 वर्षीय नेता ने अपनी कानूनी टीम के साथ बातचीत में कुछ दिलचस्प खुलासे साझा किए. वह तोशाखाना मामले में अपनी सजा के निलंबन के बाद अपनी स्थिति में बदलाव से खुश हैं और अब उन्हें कुछ अतिरिक्त सुविधाएं दी गई हैं.
PTI प्रमुख ने कहा कि उन्होंने अपनी इस्लामी किताबें पढ़ ली हैं और उन्होंने अपनी कानूनी टीम से उन्हें राजनीतिक इतिहास पर लेख भेजने के लिए कहा है. यह पता चला है कि उनके पास एक टेलीविजन सेट था जिस पर केवल सरकारी पीटीवी चैनल देखा जा सकता था, लेकिन वह आमतौर पर इसे नहीं देखते थे.
बता दें कि तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद खान को 5 अगस्त को जेल भेज दिया गया था, लेकिन इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने 29 अगस्त को उनकी सजा निलंबित कर दी और उनकी रिहाई का आदेश दिया. लेकिन उन्हें रिहा नहीं किया गया क्योंकि आधिकारिक गुप्त अधिनियम के उल्लंघन के मामले में उन पर मुकदमा चलाने के लिए गठित एक विशेष अदालत ने उन्हें 13 सितंबर तक जेल में भेजने का फैसला किया.
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