आचंलिक

सालभर पहले कागपुर के पुल का हुआ था जीर्णोद्धार, बारिश के उफान में बहा

  • तीन दिन से लगातार हुई मूसलाधार बारिश के बाद शहर के नदी नाले और अन्य क्षेत्रों में घुसा पानी

विदिशा। तीन दिन से लगातार हुई मूसलाधार बारिश के बाद शहर के नदी नाले और अन्य क्षेत्रों में पानी उफान पर आ गया है। हालात यह हैं कि बारिश थमे हुए 24 घंटे से अधिक का समय बीत गया है। लेकिन नंदिया अभी भी अपना रौद्र रूप धारण करे हुए हैं। बेतवा का जल श्रोत कम नहीं हुआ है और सहायक नंदियां भी लबालब पानी से अटखेलियां कर रही हैं। कागपुर बाह नदी पर बना पुल बाढ़ की मार झेल नहीं पाया। पुल की ऊपरी पर्त बह गई है। इस बार फिर उससे भी बदतर हालात बन गए हैं।

तीसरी बार हुआ क्षतिग्रस्त पुल
विदिशा-अशोकनगर राज्यमार्ग पर बांह नदी कागपुर का पुल लगातर 3 दिन की हुई बारिश और संजय सागर बांध के गेट खुलने के कारण पुल के ऊपर से बहने के कारण यह पुल पुन: फिर से क्षतिग्रस्त हो गया है। बताया गया कि पिछली बरसात के समय मे भी यह पुल क्षतिग्रस्त हो गया था इसके कारण बड़े बाहनो की आवाजाही पर रोक लगा दी थी लगभग 1 माह बाद बाहनो की आवाजाही चालू की गई। बुधवार को जैसे ही नदी का पानी पुल के नीचे हुआ तो ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने देखा कि पुल क्षतिग्रस्त हो गया है उन्होंने तुरंत एसडीएम को सूचना दी एसड़ीएम विजय सिंह राय तहसीलदार एसएन सोनी एवं थाना प्रभारी यूपीएस चौहान मौके पर पहुंचे और क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण किया। एसडीएम ने मौके पर एमपीआरडीसी के अधिकारी से चर्चा की ओर उन्होंने जल्द ही जेसीबी से मलबा हटाने के निर्देश दिए और बाहनो की आवाजाही पर रोक लगा दी है।


लगभग एक माह के लिए बंद रहेगा रास्ता
विदिशा अशोक नगर राजमार्ग पर बने कागपुर पुल के क्षतिग्रस्त होने के बार मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है। उम्मीद है कि कम से कम एक महिने का समय लगेगा। इसके बाद वाहनों की आबाजाही शुरू होगी। बता दें कि एक वर्ष पूर्व बारिशे के दौरान पुल क्षतिग्रस्त हुआ था।

पुल-पुलियों की मरम्मत करने के निर्देश
कलेक्टर ने विगत दिनों अतिवृष्टि एवं बाढ़ से क्षतिग्रस्त पुल-पुलिया एवं मार्गों की मरम्मत करने के निर्देश दिए हैं। जारी निर्देशों में बताया कि जिले में हुई अतिवृष्टि एवं विभिन्न बांधों से छोड़े गये जल प्रवाह के कारण बेतवा नदी खतरे के निशान से उपर प्रवाहित रहने, जिले की अन्य नदियों-नालों में अत्यंत जल भराव एवं जल प्रवाहित होने से पुल-पुलियों एवं मार्ग जलमग्न रहे हैं। वर्षा रूकने एवं विभिन्न बांधों से जल प्रवाह बंद हो जाने पर पुल-पुलियों और मार्गों के खुल जाने पर आवागमन तेजी से होने लगता है।

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