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तुर्की के राष्ट्रपति की पत्नी से मिले आमिर खान, लोगों ने पूछे तीखे सवाल


नई दिल्ली। तुर्की के साथ भारत के तल्ख होते रिश्तों की आंच ने बॉलिवुड ऐक्टर आमिर खान को लपेटे में ले लिया है। बॉलिवुड के इस दिग्गज अभिनेता ने तुर्की की फर्स्ट लेडी से मुलाकात की जिसके बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया। तुर्की के राष्ट्रपति रेजप तयिप एर्दोआं की पत्नी एमिने एर्दोआं ने आमिर खान के साथ मुलाकात की तस्वीरें ट्वीट की जिसके बाद आमिर खान भारत में एक वर्ग के निशाने पर आ गए।
बहरहाल, तुर्की के राष्ट्रपति की पत्नी से आमिर खान की मुलाकात को उनके पहले के बयान से जोड़ते हुए उन्हें देशविरोधी ठहराया जा रहा है। आमिर ने नवंबर 2015 में कहा था कि उनकी पत्नी किरण राव ने देश में बढ़ती असहिष्णुता की भावना से डरी हुई हैं। इस बयान पर भी खूब बवाल मचा था। अब जब आमिर अपनी ‘फिल्म लाल सिंह चड्ढा  की शूटिंग के लिए तुर्की गए तो एक और विवाद पैदा हो गया है।
दरअसल, तुर्की ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने पर भारत का पुरजोर विरोध किया। तुर्की उन गिने-चुने देशों में शामिल है जो इस मुद्दे पर खुलकर पाकिस्तान का साथ दे रहा है। इतना ही नहीं वह भारत के विरोध में पाकिस्तान के हर ऐक्शन को सपॉर्ट करता है। इसी महीने की शुरुआत में ईद-उल-अजहा के मौके पर उन्होंने पाकिस्तानी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और प्रधानमंत्री इमरान खान से बात करते हुए राष्ट्रपति रेजप तय्यब एर्दोआं ने कश्मीर पर तुर्की के समर्थन का आश्वासन दिया। एर्दोआं ने फिर से कश्मीर की तुलना फिलिस्तीन से कर दी और कहा कि भारत कोरोना काल में भी कश्मीर में अत्याचार कर रहा है।

दरअसल, तुर्की की फर्स्ट लेडी ने एमिने एर्दोआं आमिर के साथ अपनी तस्वीरें ट्वीट करते हुए लिखा, ‘विश्वप्रसिद्ध अभिनेता, फिल्म निर्माता और निर्देशक आमिर खान से इस्तांबुल में मिलकर बहुत खुशी हुई। मैं यह जानकर बहुत खुश हूं कि आमिर ने अपनी ताजा फिल्म लाल सिंह चड्ढा की शूटिंग तुर्की के अलग-अलग हिस्सों में खत्म करने का फैसला किया है। मेरी इस पर नजर रहेगी।’

तुर्की के राष्ट्रपति के अलावा मलेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति महातिर मोहम्मद ने आर्टिकल 370 हटाए जाने का विरोध किया था। भारत के खिलाफ दिए बयान से महातिर को अपने देश में ही गुस्से का शिकार होना पड़ा और आखिरकार इसी वर्ष मार्च में उनकी कुर्सी छिन गई।
तुर्की अब पाकिस्तान के बाद भारत-विरोधी गतिविधियों का दूसरा सबसे बड़ा केंद्र बनकर उभरा है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, केरल और कश्मीर समेत देश के तमाम हिस्सों में कट्टर इस्लामी संगठनों को तुर्की से फंड मिल रहा है। रिपोर्ट में एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि तुर्की भारत में मुसलमानों में कट्टरता घोलने और चरमपंथियों की भर्तियों की कोशिश कर रहा है। उसकी यह कोशिश दक्षिण एशियाई मुस्लिमों पर अपने प्रभाव के विस्तार की कोशिश है।
इस ट्वीट के बाद आमिर खान की सोशल मीडिया पर फजीहत शुरू हो गई। किसी ने उन्हें हिंदू विरोधी तो किसी ने उन्हें भारत विरोधी बताया। लोगों ने उनकी फिल्मों और पिछले बयानों का हवाला देकर खूब निशाना साधा। @Saffron_Tweeter नामक ट्विटर हैंडल ने कॉमेंट किया, ‘क्या उन्होंने इसकी चर्चा की कि नरेंद्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बने, उसके बाद उनकी पत्नी को भारत में कितना डर लगने लगा? उन्हें लगा कि भारत असहिष्णु हो गया है और हर जगह इस्लामोफोबिया है। मुझे उम्मीद है कि आप दोनों (आमिर और उनकी पत्नी) को बुलाकर तुर्की में बसाएंगे। आमिर की पत्नी घर पर बैठी यही सोच रही होगी।’
सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत पटेल उमराव ने ट्विटर हैंडल @ippatel से लिखा, ‘खान गैंग के सदस्य आमिर खान ने तुर्की की फर्स्ट लेडी एमिने एर्दोआं से 15 अगस्तो को इंस्ताबुल के ह्यूबर मेंसन स्थित राष्ट्रपति आवास में मुलाकात की। तुर्की पाकिस्तान का मित्र है और कश्मीर के मुद्दे पर लगातार भारत के खिलाफ बोल रहा है। खान गैंग ही सुशांत सिंह राजपूत की हत्या के पीछे भी है।’

 

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