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लगभग आठ मदरसों और स्कूलों ने गलत जानकारी देकर सैकड़ों छात्रों के नाम पर हड़पे लाखों रुपए

July 04, 2025

 

  • अब इंदौर में अल्पसंख्यकों के नाम पर छात्रवृत्ति घोटाला
  • पांच शिक्षण संस्थानों के खिलाफ प्रशासन ने एफआईआर दर्ज कराई

इंदौर। जिले की पांच शैक्षणिक संस्थाओं (Educational Institutions) ने कक्षा आठवीं तक की मान्यता होने के बावजूद कक्षा नौवीं और दसवीं के लिए छात्रवृत्ति (Scholarship) के आवेदन कर शासन (Government) को ही चूना लगा दिया। गलत जानकारी देकर राशि का आहरण किया। 27 संस्थाओं के खिलाफ जांच बैठाई गई थी, जिनमें से आठ संस्थाओं को सबूत के साथ दोषी पाया गया है। सैकड़ों छात्रों के नाम पर लाखों रुपए की छात्रवृत्ति वसूल की गई है। हालांकि जांच के बाद कार्रवाई के डर से तीन संस्थाओं ने निकाली गई राशि आनन-फानन में शासन के खाते में जमा कर दी है। पांच संस्थानों पर अब भी जांच जारी है।



सहायक संचालक पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग अनिलकुमार सोनी ने बताया कि वर्ष 2021-22 में भारत सरकार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति के लिए नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर कुछ स्कूलों व मदरसा द्वारा छात्रवृत्ति के लिए ऑनलाइन आवेदन जानबूझकर प्रस्तुत किए गए। मान्यता नहीं होने के बावजूद उक्त संस्थाओं ने कक्षा नौवीं और दसवीं के विद्यार्थी बताकर अनधिकृत रूप से अपात्र विद्यार्थियों के आवेदन करते हुए शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने का कार्य किया है। उन्होंने बताया कि जिले के आठवीं स्कूल के विभागीय पोर्टल पर छात्रवृत्ति के लिए आवेदन किए थे और लाखों रुपए की राशि दिलवाई थी। केंद्र सरकार अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित प्री-मैट्रिक, पोस्ट मैट्रिक, मेरिट अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में जिले की 27 शिक्षण संस्थाओं को संदिग्ध माना गया था। सूची अनुसार विद्यालय और संस्थाओं का भौतिक निरीक्षण करने के बाद जिले के आठ स्कूल गलत पाए गए थे। तीन स्कूलों ने अपनी भूल स्वीकार करते हुए यह राशि शासन के खाते में वापस जमा कर दी है। इंदौर की शेष 5 संस्थाओं की जांच की गई ,जिसमें वह दोषी पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि पांच संस्थाओं के 138 विद्यार्थियों को उक्त छात्रवृत्ति का लाभ दिलाते हुए 12 लाख 55 हजार 800 रुपए की आर्थिक क्षति शासन को पहुंचाई गई है।

इनके खिलाफ प्रकरण दर्ज कराए गए
पुलिस उपायुक्त अपराध के निर्देश पर विभाग के सहायक संचालक सोनी के पत्र अनुसार पुलिस ने केयरवेल स्कूल बैकुंठधाम कॉलोनी के संचालक मोहम्मद रफीक खान द्वारा एक लाख 14 हजार रुपए, मदरसा शाफिया हिना पैलेस खजराना की संचालिका शबनम शाह द्वारा 2,16,100 रुपए, मदरसा उस्मानिया चंदन नगर की संचालक शहनाज खानम द्वारा 22400 रुपए, सेंट जेवियर कान्वेंट स्कूल सब्जी मंडी खजराना के संचालक आफताब खान और अल्वीरा शेख द्वारा 1 लाख 72 हजार 600 रुपए, सेंट जेआरडी मेमोरियल स्कूल सब्जी मंडी खजराना के संचालक आफताब खान द्वारा 7 लाख 30 हजार 700 रुपए की छात्रवृत्ति अपात्र विद्यार्थियों को देने के लिए राष्ट्रीय पोर्टल पर प्रस्तुत करते हुए शासन को आर्थिक हानि पहुंचाने को लेकर एफआईआर दर्ज कराई गई है। उल्लेखनीय है कि अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय नई दिल्ली के छात्रवृत्ति नियम के अनुसार अल्पसंख्यक प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में कक्षा पहली से दसवीं तक के नियमित अध्ययनरत अल्पसंख्यक वर्ग के विद्यार्थी को ही पात्र माना गया है। अल्पसंख्यक वर्ग के अंतर्गत मुस्लिम, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई एवं पारसी समुदाय के विद्यार्थी आते हैं। जिले की उक्त पांच संस्थाओं ने कक्षा आठवीं तक की मान्यता होने के बावजूद कक्षा नौवीं और दसवीं के लिए छात्रवृत्ति के आवेदन कर राशि का आहरण किया था।

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