जबलपुर न्यूज़ (Jabalpur News)

नगर निगम पूर्व स्थापना अधीक्षक पर गलत जानकारी देने के आरोप

  • अधिकारियों से सांठगांठ कर करवाई खुद की फ र्जी नियुक्ति!

जबलपुर। माता के निधन के बाद नौकरी से जुड़ी गलत जानकारी प्रदान करने के मामले में नियुक्ति प्रक्रिया सवालों के घेरे में है। नगर निगम में कार्यालय अधीक्षक बतौर पदस्थ नरेश शर्मा पर भ्रष्टाचार के मामले से जुड़े भोपाल संचालनालय संबंधी आदेश पर कार्रवाई न करना नगर निगम की कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है। प्राप्त प्रपत्रों के मुताबिक नौकरी के लिए गलत जानकारी देने का मामला प्रमाणित होता है। कर्मचारी नेता योगेंद्र दुबे ने मामले को उजागर करते हुए बताया किए लोक सूचना अधिकार के तहत प्रदान जानकारी में कार्यालय अधीक्षक नरेश शर्मा ने शिक्षा विभाग में पदस्थ माता दिवंगत मीरा शर्मा के स्थान पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन दिया था। उनकी माता का कैंसर की बीमारी के कारण निधन हो गया था। नौकरी के लिए किए गए आवेदन में दिवंगत मां मीरा शर्मा के पुत्र नरेश कुमार शर्मा पिता भगवानदास शर्मा ने अपनी योग्यता बीकॉम प्रथम वर्ष तृतीय श्रेणी में पास होने की जानकारी दी। साथ ही मध्य प्रदेश बोर्ड से मैट्रिक की परीक्षा द्वतीय श्रेणी में पास होना दर्शाया था। टीप पत्र में दर्ज टीप प्रतिवेदन एवं आदेश में प्रशासन द्वारा मृत कर्मचारियों के परिजन को दी जाने वाली सुविधाओं के अंतर्गत आवेदन कर्ता को नियमानुसार सेवा का अवसर प्रदान किया जा सकता है, ऐसा दर्ज था। साथ ही अंकित था किए यदि प्रशासन चाहे तो मानवीय दृष्टिकोण से निवेदन कर्ता को तृतीय श्रेणी में नियमित वेतनमान पर नियुक्ति प्रदान की जा सकती है।


मामले में की जा रही लीपापोती
टीप प्रतिवेदन में दर्ज है कि अनुकम्पीय नियुक्ति का उद्देश्य मृतक के परिवार के सदस्य पूर्व से ही निगम की सेवा में हैं अत: नियुक्ति देने का कोई औचित्य नहीं है। अस्तु आवेदन नस्तीबद्ध किए जाने योग्य है। कर्मचारी नेता योगेंद्र दुबे का आरोप है कि अधिकारियों से साठगांठ कर इस प्रकरण को छुपाया जाकर शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाया जा रहा है। कार्यकाल में विभिन्न पदों पर रहते हुए संबंधित अधिकारी ने भ्रष्टाचारी कृत्य करते हुए निगम प्रशासन को करोड़ो रुपये की आर्थिक क्षति पहुंचाई है। इस गंभीर अनियमितता की जांच के आदेश भोपाल संचालनालय से आ चुके हैं परंतु अधिकारियों से साठगांठ के कारण प्रकरण में लीपापोती की कोशिश की जा रही है।

निगम प्रशासन को पहुंचाया आर्थिक नुकसान
नरेश शर्मा की अनुकंपा नियुक्ति को अयोग्य पाते हुए प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गयाए परंतु अधिकारियों से सांठगांठ कर अपनी खुद की नियुक्ति अपनी मां की जगह करवाई गई। कर्मचारी संगठन से प्राप्त जानकारी के अनुसार संबंधित की बहन ललिता शर्मा तृतीय श्रेणी पर शिक्षा विभाग में पदस्थ थी। पूर्व स्थापना अधीक्षक नरेश शर्मा द्वारा विभिन्न पदों पर रहते हुए भ्रष्टाचारी कृत्य करते हुए निगम प्रशासन को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया है। आरोपित नरेश शर्मा पर नगर निगम प्रशासन कार्रवाई करने से क्यों बच रहा है, यह विचारणीय है।

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