व्‍यापार

अडानी समूह पर एक साल में बढ़ गया 21 फीसदी कर्ज, शेयर गिरवी रख पैसे जुटा रहा समूह

नई दिल्ली। अदाणी समूह पर पिछले एक साल में कर्ज 21 फीसदी बढ़ गया है। समूह की और से लिए गए कुल कर्ज में वैश्विक बैंकों की हिस्सेदारी करीब 29 फीसदी है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अपनी साख बचाने के लिए समूह लगातार बॉन्ड और कर्ज के अलावा शेयरों को गिरवी रखकर पैसा जुटा रहा है। इस रकम से समूह अपने कर्ज का पुनर्भुगतान कर रहा है।

कर्ज जुटाने के लिए समूह ने विदेश में भी रोड शो किया है। एक रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया कि मार्च तिमाही में अदाणी समूह ने तीन अरब डॉलर के कर्ज का भुगतान किया है। मार्च तिमाही में प्रवर्तकों के गिरवी रखे शेयरों में भी कमी की गई है। इसने 36 अरब रुपये के कमर्शियल पेपर का भी भुगतान किया है।

रत्न व आभूषण निर्यात 23.75 फीसदी घटकर 21,502 करोड़
देश का रत्न एवं आभूषण निर्यात मार्च, 2023 में 23.75 फीसदी गिरकर 21,502 करोड़ रुपये रह गया है। एक साल पहले के समान महीने में यह आंकड़ा 28,198.36 करोड़ रुपये रहा था। जेम्स एंड जूलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने मंगलवार को बताया, भू-राजनीतिक चुनौतियों के कारण उद्योग पर असर पड़ा है।

जीजेईपीसी चेयरमैन विपुल शाह ने बताया कि अप्रैल, 2022 से मार्च 2023 के बीच कट एवं पॉलिश हीरों का निर्यात 2.97 फीसदी घटकर 1,76,696 करोड़ रहा है। आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 में कुल निर्यात 2,93,193 करोड़ रुपये रहा था। 2022-23 में यह 2.48 फीसदी बढ़कर 3,00,462 करोड़ रुपये पहुंच गया।


चीनी का उत्पादन 6 फीसदी घटकर 3.11 करोड़ टन
महाराष्ट्र में कम उत्पादन से देशभर में चीनी उत्पादन 15 अप्रैल तक छह फीसदी घटकर 3.11 करोड़ टन रह गया है। पिछले साल उत्पादन 3.28 करोड़ टन रहा था। इस्मा के आंकड़ों के मुताबिक, एक अक्तूबर, 2022 से 15 अप्रैल, 2023 के बीच उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन बढ़कर 96.6 लाख टन पहुंच गया। एक साल पहले यह 94.4 लाख टन था। महाराष्ट्र में यह 126.5 लाख टन से घटकर 105 लाख टन रह गया है।

ब्रांच ऑफिस से मुख्यालय को दी जाने वाली सेवाओं पर लगेगा 18% जीएसटी
किसी कंपनी के अलग राज्यों में स्थित ब्रांच ऑफिस के कर्मचारी अगर मुख्यालय को सेवाएं मुहैया कराते हैं तो उस पर 18 फीसदी जीएसटी का भुगतान करना होगा। जीएसटी से जुड़े विवादों में फैसला करने वाले निकाय एडवांस रूलिंग प्राधिकरण ने प्रॉफिसॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के मामले में यह फैसला दिया है।

कंपनी ने एएआर से यह जानने की कोशिश की थी कि क्या मुख्यालय को दी जाने वाली सेवाएं भी जीएसटी के दायरे में आएंगी। प्रॉफिसॉल्यूशंस का कर्नाटक में पंजीकृत मुख्यालय है। तमिलनाडु में ब्रांच ऑफिस है। प्रॉफिसॉल्यूशंस की दलील थी कि कर्मचारी कंपनी में नियुक्त हुए हैं। वे मुख्यालय या ब्रांच ऑफिस के बजाय पूरी कंपनी के लिए काम करते हैं।

इस पर एएआर ने कहा कि जीएसटी प्रावधानों के तहत भौतिक उपस्थिति रखने वाले हर राज्य में जीएसटी पंजीकरण कराना जरूरी होता है। अगर एक ही संस्था के दो पंजीकरण नंबरों के बीच सेवाओं की आपूर्ति होती है, तब भी उस पर जीएसटी चुकाना होगा।

कर की गणना के तरीके पर स्थिति स्पष्ट नहीं
एएमआरजी एंड एसोसिएट्स के वरिष्ठ साझेदार रजत मोहन ने कहा कि एएआर का यह फैसला एक ही पैन नंबर पर पंजीकृत दो अलग-अलग जीएसटी पंजीकरणों के बीच सेवाओं की आपूर्ति पर 18 फीसदी की दर से कर लगने की व्यवस्था देता है। हालांकि, कारोबार पर कर जोखिम बढ़ाए बिना इस टैक्स की गणना के तरीके पर स्थिति साफ नहीं है।

Share:

Next Post

भारतीय-अमेरिकी राधा अयंगर प्लंब बनी उप रक्षा सचिव, सीनेट ने की पुष्टि

Wed Apr 19 , 2023
वाशिंगटन। भारतीय-अमेरिकी राधा अयंगर प्लंब को उप रक्षा सचिव के रूप नियुक्त किया है। इसकी पुष्टि अमेरिकी सीनेट ने की है। सीनेट ने आज राधा अयंगर प्लंब की रक्षा के उप अवर सचिव के लिए मतदान किया। वह 68-30 के वोट से जीतीं। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने राधा अयंगर प्लंब ‘डिफेंस फॉर […]