दस्तखत करके बोली- ‘पढ़ी-लिखी नहीं हूं’, सलमान लाला व साथी बरी
इंदौर। गैंगरेप में सलमान उर्फ लाला व उसके साथी को जेल पहुंचाकर महीनों बाद पीडि़ता अपने साथ सामूहिक बलात्कार जैसा संगीन जुर्म होने से मुकर गई। उसने एक आरोपी को भाई जैसा तक बता दिया, लिहाजा दोनों मुलजिम कोर्ट से बरी हो गए।
पीडि़ता की सलमान उर्फ लाला पिता मोहम्मद निजाम निवासी छोटी खजरानी से डेढ़ साल पहले दोस्ती हो गई थी। उसने पिछले साल खजराना थाने में रिपोर्ट लिखाई थी कि उसे 1 सितंबर 2021 की रात 11 बजे सलमान ने मयूर अस्पताल के पास बुलाया। वह वहां गई तो सलमान के साथ उसका दोस्त इसरार उर्फ गब्बू पिता बाबू शाह निवासी गांधीग्राम व एक अन्य शख्स मौजूद था। इसरार ने चाकू दिखाकर उसे धमकाया और सलमान ने उसके साथ जबरदस्ती की, फिर इसरार व तीसरे शख्स ने भी दुष्कर्म किया। किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी देकर चले गए। बाद में सलमान जब-तब उससे अकेले में बलात्कार रहा।
बहरहाल अदालत में पीडि़ता ही रिपोर्ट लिखाकर साफ मुकर गई और कहा कि वह इसरार को भाई जैसा मानती है, सलमान उसका दोस्त था। घटना वाले दिन सलमान ने उसे डांटा था, जिससे वह चिढ़ गई थी और मौसी को बताने पर मौसी उसे थाने ले गर्इं। वहां क्या रिपोर्ट लिखाई, उसे नहीं पता, क्योंकि वह पढ़ी-लिखी नहीं है। उससे पुलिस ने सिर्फ खाली कागजों पर दस्तखत कराए थे। पीडि़ता के होस्टाइल हो जाने से पुलिसिया कहानी झूठी साबित हो गई और विशेष न्यायाधीश चारूलता दांगी ने सलमान व इसरार को बरी करते हुए जेल से छोडऩे के आदेश दिए। मामले में सलमान पांच माह 26 दिन व इसरार 4 माह 24 दिन जेल में बंद रहा।
वो शख्स कौन था?
मजेदार बात यह है कि पीडि़ता ने तीन लोगों के खिलाफ गैंगरेप व जान से मारने की धमकी देने के जुर्म में रिपोर्ट लिखाई थी। पुलिस तमाम कोशिशों के बाद भी यह पता नहीं लगा सकी कि वो तीसरा शख्स कौन था और न पीडि़ता ने ही अपने बयानों में उसके बारे में कुछ कहा। ऐसे में केवल सलमान व इसरार के खिलाफ ही जांच के बाद कोर्ट में चालान पेश किया गया था, लेकिन पीडि़ता के बयान के बाद केस बेदम साबित हुआ।
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