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मायावती के ‘मायाजाल’ में फंसे अखिलेश यादव, BSP ने इस सीट पर किया खेला, गेम होगा ट्विस्ट

लखनऊ: लोकसभा चुनाव के लिए सभी दल तैयारियों में जुट गए हैं. बहुजन समाज पार्टी भी एक्टिव हो गई है और यूपी में अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है. पार्टी ने बीएसपी के चिह्न पर कन्नौज से लोकसभा चुनाव के लिए रसूलाबाद निवासी अकील अहमद उर्फ बट्टा को अपना प्रत्याशी बनाया है. बताया जा रहा है कि बीएसपी ने यह कदम मुस्लिम वोटर्स को साधने के लिए किया है.

कन्नौज लोकसभा सीट में लगभग 80 प्रतिशत हिन्दू वोटर्स है तो वहीं 18 प्रतिशत के लगभग मुस्लिम वोटर्स की संख्या है. इसके चलते पार्टी ने अकील अहमद पर दांव लगाया है. बीएसपी के इस कदम से उत्तर प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में काफी हलचल मच गई है. राजनितिक विश्लेषक का मानना है कि मायावती के कन्नौज सीट पर मुस्लिम कैंडिडेट उतार कर मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाना चाहती हैं, जिससे कहीं ना कहीं बीजेपी को फायदा होगा.


कौन है बसपा से कन्नौज प्रत्याशी अकील अहमद?
अकील अहमद ने अपनी राजनीतिक यात्रा छात्र नेता के रूप में शुरू की थी. बीएसपी प्रत्याशी बट्टा का जन्म कानपुर देहात के रसूलकाबाद में 11 फरवरी 1963 को हुआ था, जिसके बाद उनकी शुरुआती शिक्षा रसूलाबाद से हुई. अकील अहमद बट्टा ने अजीतमल महाविद्यालय से बीएससी की पढ़ाई की. अकील अहमद की पत्नी सुल्ताना बेगम साल 2002 में ग्राम प्रधान भी रह चुकी हैं.

2002 में बीएसपी जुड़े थे अकील
अकील अहमद ने 2002 में बीएसपी छोड़ कर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था. वह साल 2002 से 2004 तक समाजवादी पार्टी के जिला उपअध्यक्ष रहे. अकील अहमद ने 2016 में रसूलाबाद नगर पंचायत के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा था. हालांकि, उन्हें चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद साल 2018 में अकील अहमद ने एक बार फिर सपा छोड़ बीएसपी ज्वाइन कर ली. इस बार अकील अहमद बीएसपी के टिकट पर कन्नौज लोकसभा सीट से ताल ठोकेंगे.

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