बड़ी खबर

Omicron के साथ ही बढ़ी डेली केसों की रफ्तार, भारत में कोरोना के नए मामले 13 हजार

नई दिल्ली। ओमिक्रॉन के बढ़ते केसों (Omicron’s growing cases) के बीच देश में कोरोना (corona) के दैनिक मामलों ने भी रफ्तार पकड़ ली है और पिछले 48 घंटे के अंदर ही कई राज्यों में यह आंकड़ा दोगुना हो गया है। वहीं, पिछले 24 घंटे में देशभर में कोरोना के रिकॉर्ड 13 हजार नए मामले (record 13 thousand new cases) सामने आए हैं, जो कि बीते 7 हफ्तों में सबसे ज्यादा हैं।

जानकारी के मुताबिक, कुल दैनिक मामलों में सबसे बड़ा हिस्सेदार महाराष्ट्र है, जहां एक दिन में कोरोना के 3900 नए केस आए हैं। वहीं, इसके बाद केरल में 2846, पश्चिम बंगाल में 1089 और दिल्ली में 923 मामले आए हैं। भारत में बुधवार को कुल 12 हजार 987 नए मामले दर्ज किए गए जो कि 10 नवंबर के बाद से अब तक का सर्वाधिक आंकड़ा है, जब देश में 13 हजार 148 केस आए थे। वहीं, मंगलवार को कोरोना के दैनिक मामले 9 हजार 155 और सोमवार को सिर्फ 6 हजार 1399 मामले थे।


माना जा रहा है कि कोरोना के मामलों में ये तेजी से बढ़ोतरी के पीछे ओमिक्रॉन वैरिएंट है। बुधवार को देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के मामलों की संख्या भी बढ़कर 946 हो गई है। इनमें से 161 केस बीते 24 घंटे में आए हैं। वहीं, ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमितों में से कुल 241 अब तक ठीक हो गए हैं।

महाराष्ट्र में दोगुना से ज्यादा बढ़े केस
कोरोना की बुरी मार झेल चुके महाराष्ट्र में एक दिन के अंदर संक्रमण के नए मामले 79 फीसदी बढ़े हैं। वहीं, अकेले मुंबई में ही संक्रमण के मामले 83 फीसदी तक बढ़ गए हैं। मंगलवार को मुंबई में कोरोना के 1333 मामले आए थे जो कि बुधवार को बढ़कर 2445 हो गए। राज्य में बुधवार को ओमिक्रॉन के 85 मामले आए, जिसके बाद अब महाराष्ट्र में नए वैरिएंट के 252 केस हैं। महाराष्ट्र में पॉजिटिविटी रेट 3.16 फीसदी हो गई है जबकि मुंबई में 4.71 फीसदी। वहीं, बीते हफ्ते दोनों जगह पॉजिटिविटी दर 1 फीसदी से भी नीचे थी।

Share:

Next Post

सर्वे से खुलासा- ब्रिटेन के 75 प्रतिशत कर्मचारी छोड़ना चाहते हैं नौकरी, ये है बड़ा कारण

Thu Dec 30 , 2021
लंदन। ब्रिटेन(Britain) में तीन-चौथाई यानी करीब 75% कर्मचारी (British Employees) नौकरी छोड़ने या बदलने पर विचार कर रहे(75% of UK workers want to leave) हैं. हालांकि, इसका सीधे तौर पर कोरोना (corona virus) से कोई लेनादेना नहीं है. दरअसल, इन लोगों का मानना है कि वे अत्यधिक काम के दबाव में हैं, वर्कप्लेस का वातावरण […]