विदेश

अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों के बढ़ा प्रभाव, दिवाली पर सरकारी छुट्टी देने की तैयारी

न्यूयॉर्क (New York) । अमेरिका (America) में भारतीय मूल के लोगों के बढ़ते प्रभाव का ही असर है कि अब वहां दिवाली (Diwali) पर सरकारी छुट्टी (official holiday) देने की तैयारी चल रही है। बता दें कि यह पहल हुई है न्यूयॉर्क में, जहां इसे लेकर न्यूयॉर्क की विधानसभा (Assembly) में प्रस्ताव पेश (submit proposal) किया गया है, जिसके पास होने के बाद दिवाली पर छुट्टी मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा। दिवाली के साथ ही इस प्रस्ताव में न्यूयॉर्क में लूनर न्यू ईयर पर भी सरकारी छुट्टी देने का प्रावधान किया गया है।

मौजूदा विधानसभा सत्र में ही मिल सकती है मंजूरी
न्यूयॉर्क असेंबली के स्पीकर कार्ल हेस्टी ने बुधवार को एक बयान जारी कर इसकी पुष्टि की और कहा कि न्यूयॉर्क के समृद्ध और विविधता भरी संस्कृति को पहचान देने के लिए ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ‘असेंबली में लूनर न्यू ईयर और दिवाली पर छुट्टी देने के लिए असेंबली के सत्र के खत्म होने से पहले इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। इस फैसले का स्कूलों के कैलेंडर पर क्या फर्क पड़ेगा, इसे लेकर विचार विमर्श किया जा रहा है।’


भारतीय समुदाय को मिलेगा फायदा
न्यूयॉर्क असेंबली का सत्र 8 जून तक चलेगा। माना जा रहा है कि सत्र की समाप्ति तक प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। इस प्रस्ताव को दिवाली डे एक्ट नाम दिया गया है, जिसके तहत न्यूयॉर्क में दिवाली की छुट्टी 12वीं सरकारी छुट्टी घोषित हो जाएगी। इससे अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के समुदाय को काफी फायदा होगा और वह अपने परिवार और दोस्तों के साथ अच्छे से दिवाली के त्योहार को सेलिब्रेट कर पाएंगे।

स्कूलों में भी छुट्टी कराने की तैयारी
न्यूयॉर्क असेंबली की सदस्य जेनिफर राजकुमार और सीनेटर जोए अद्दाबो ने मांग की है कि दिवाली पर न्यूयॉर्क सिटी के स्कूलों में भी छुट्टी की जाए। न्यूयॉर्क स्टेट काउंसिल के सदस्य शेखर कृष्णन और काउंसिल वुमन लिंडा ली ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है। बता दें कि लंबे समय से दिवाली पर सरकारी छुट्टी देने की मांग की जा रही थी, जो अब जल्द ही पूरी होने जा रही है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका के पेंसिल्वेनिया प्रांत में पहले से ही अमेरिका पर छुट्टी देने का कानून बना हुआ है।

Share:

Next Post

इंजीनियर और वैज्ञानिक संस्कृत को क्‍यों करते हैं पसंद, ISRO चीफ ने बताई वजह

Thu May 25 , 2023
नई दिल्ली (New Delhi)। विज्ञान का मूल वेद हैं लेकिन अरब के रास्ते यह ज्ञान पश्चिमी देशों (western countries) तक पहुंचा और वहां के वैज्ञानिकों ने इसे अपने नाम से प्रचारित कर दिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन एस सोमनाथ (S Somnath) ने कही। उन्होंने कहा, बीजगणित, स्क्वायर रूट, समय की गणना, वास्तुकला, […]