नई दिल्ली: भारत के परमाणु हथियारों के जत्थे और उनकी सैन्य ताकत के सामने अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों का आधुनिकीकरण और इसका विस्तार करना जारी रख सकता है.
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन (Pentagon) के एक शीर्ष इंटेलिजेंस अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान 2022 में अपने हथियारों की ट्रेनिंग शुरू कर सकता है. पाकिस्तान का उद्देश्य अपना नया डिलीवरी सिस्टम तैयार करना भी होगा.
डिफेंस इंटेलिजेंस एजेंसी के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल स्कॉट बेरियर ने कांग्रेस की सुनवाई के दौरान सीनेट आर्म्ड सर्विसेज समिति को बताया कि भारत के साथ तनावपूर्ण रिश्तों की वजह से पाकिस्तान अपनी रक्षा नीति में सुधार जारी रखेगा. उन्होंने कहा कि भारत के परमाणु हथियारों और मजबूत सैन्यबल की वजह से पाकिस्तान अपने अस्तित्व को बचाए रखने के लिए परमाणु हथियारों को जरूरी समझता है.
बेरियर ने कहा कि पाकिस्तान अपने हथियारों की ट्रेनिंग शुरू कर और नए डिलिवरी सिस्टम तैयार कर परमाणु हथियारों के आधुनिकीकरण और उसका विस्तार करना जारी रख सकता है. उन्होंने 2019 पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए कहा, फरवरी 2019 में कश्मीर में हुए आतंकी हमले के बाद से भारत के साथ पाकिस्तान के संबंध तनावपूर्ण रहे हैं.
बेरियर ने कहा, अगस्त 2019 में कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने के भारत के फैसले ने इस तनाव को और चिंगारी दी. हालंकि, दोनों देशों के बीच सीजफायर की सहमति बनने के बाद फरवरी 2021 के बाद से सीमा पार हिंसा की वारदातें घटी हैं.
उन्होंने कहा, उसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच अर्थपूर्ण बातचीत नहीं हुई है. बता दें कि अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर उसे दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया गया था.
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