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Amit Shah’s Birthday : अमित शाह की ऐसी हुई राजनीति की शुरुआत, निभाई ये अहम जिम्मेदारियां

नई दिल्‍ली (New Delhi) । अमित शाह (Amit Shah) का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई के संपन्न गुजराती परिवार (gujarati family) में हुआ। उनके पिता का नाम अनिलचंद्र शाह और माता का नाम कुसुमबेन शाह है। उनकी पत्नी सोनल शाह हैं और बेटे का नाम जय शाह है। जय इस समय बीसीसीआई के सचिव हैं। भाजपा (BJP) से जुड़ने से पहले शाह ने स्टाक ब्रोकर का भी काम किया है। आज शाह को राजनीति जगत (Politics) का चाणक्य कहा जाता है। उनकी रणनीति को बीजेपी अपनी जीत की गारंटी मानती है। जब से उन्हें बीजेपी ने अहम जिम्मेदारी दी है, तभी से पार्टी को निरंतर जीत हासिल हुई है।

गुजरात के महसाना से किए स्कूलिंग
अमित शाह ने अपनी स्कूलिंग गुजरात के महसाना से की थी। उनके परिवार का राजनीति से कोई ताल्लुकात नहीं था क्योंकि उनके पिता व्यापारी थे। शाह ने अपने पिता के व्यापार में स्टॉक ब्रॉकर के रूप में और अहमदाबाद के कॉपरेटिव बैंक में भी काम किया था।

आरएसएस के वॉलियंटर बने अमित शाह
वह बचपन से ही राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ में रूचि रखते थे और अपने कॉलेज के दिनों में ही वह आरएसएस के वॉलियंटर बन गए थे।1982 में वह मोदी से पहली बार अहमदाबाद आरएसएस सर्किलों के माध्यम से उनसे मिले थे। सन् 1983 में शाह आरएसएस के नेता के रूप में अपना राजनीतिक करियर आरंभ किया था। 1986 में शाह ने भारतीय जनता पार्टी की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़े।


कैसे हुई मोदी से मुलाकात और राजनीति की शुरुआत
अमित शाह के परिवार का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं था। लेकिन शाह आज राजनीतिक बुलंदियों पर खड़े हैं। दरअसल शाह ने 16 साल की उम्र से ही आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की शाखाओं में जाना शुरू कर दिया था। कहा जाता है कि साल 1982 के आस-पास शाह की अहमदाबाद की नारणपुरा शाखा में ही नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई थी। ये वो दौर था, जब मोदी संघ के प्रचारक की भूमिका में थे। इसके बाद साल 1983 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्‍यता मिलने के साथ ही शाह ने राजनीतिक दुनिया में दस्तक दी थी।

इस साल किए भाजपा ज्‍वाइन
इसके बाद साल 1986 में उन्‍होंने भाजपा ज्‍वाइन की। ये वो समय था, जब मोदी को भी संघ से भाजपा में भेजा गया। संघ में हुई मोदी-शाह की ये मुलाकात आज के राजनीतिक दौर में सबसे कुशल जोड़ी के रूप में विख्यात हो चुकी है। गुजरात में साल 1997 में सरखेज सीट पर हुए उपचुनाव में जीतकर शाह पहली बार विधायक बने थे। इसके बाद उन्होंने साल 1998, 2002 और 2007 में भी जीत हासिल की है और विधायक बने।

अमित शाह- गुजरात मंत्री के रूप में
उन्होंने 2002 का विधानसभा चुनाव अहमदाबाद के सरखेज निर्वाचन क्षेत्र से लड़ा और लगभग 158,036 वोटों से सबसे अधिक अंतर से जीत हासिल की। 2007 के विधानसभा चुनाव में भी वह दोबारा सरखेज से जीते. इस तथ्य से इनकार नहीं किया जा सकता है कि गुजरात के सीएम के रूप में नरेंद्र मोदी के बारह साल के कार्यकाल के दौरान अमित शाह एक प्रमुख राजनीतिक नेता के रूप में उभरे हैं। 2002 का चुनाव जीतने के बाद, वह नरेंद्र मोदी सरकार में सबसे कम उम्र के मंत्री बने और उन्हें कई विभाग दिए गए। उन्होंने गुजरात धर्म स्वतंत्रता अधिनियम पारित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

अमित शाह से जुड़े कुछ रोचक तथ्‍य
अमित शाह की खेलों में बड़ी रुचि है। वे 2006 में गुजरात शतरंज संघ के अध्यक्ष, 2009 में केंद्रीय क्रिकेट संघ के अध्यक्ष और 2014 में गुजरात राज्य क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रहे। उन्होंने 2009 में गुजरात राज्य क्रिकेट संघ के उपाध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया। अपने कार्यकाल के दौरान गुजरात राज्य शतरंज संघ के अध्यक्ष के रूप में, उन्होंने अहमदाबाद के सरकारी स्कूलों में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर शतरंज की शुरुआत की। यदि आप उनके छात्र जीवन में देखेंए तो उन दिनों में उन्होंने कई अवसरों पर मंचीय प्रस्तुतियाँ दी थी।

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