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पंजाब पर अमित शाह की नजर, चुनाव से पहले बड़ी रणनीति बनाने में जुटे; इन दो दिग्गज नेताओं को एक साथ लाने की तैयारी

चंडीगढ़/नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आखिरकार लंबी खामोशी के बाद पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस (PLC) और टकसाली नेता सुखदेव सिंह ढींढसा के संयुक्त अकाली दल के साथ गठबंधन का स्पष्ट संकेत दिया। यह पहला अवसर है जब भाजपा की तरफ से कैप्टन और ढींढसा के साथ चुनावी गठबंधन करने पर खुलकर बयान दिया गया है। कैप्टन पहले ही कह चुके हैं कि वे भाजपा के साथ गठबंधन कर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।

शनिवार को नई दिल्ली में अमित शाह ने एक बयान में कहा कि पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह और पूर्व शिअद नेता सुखदेव सिंह ढींढसा के साथ बातचीत जारी है और उम्मीद है कि दोनों के साथ बात बन जाएगी। शाह ने विपक्ष के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया कि किसान आंदोलन का असर यूपी और पंजाब के चुनावों पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कृषि कानूनों की वापसी के बाद अब कोई मुद्दा ही नहीं बचा है।

…तो पंजाब में भाजपा जाएगी त्रिकोणीय गठबंधन में
शाह की घोषणा के बाद पंजाब में माना जा रहा है कि भाजपा कैप्टन और ढींढसा की पार्टी के साथ त्रिकोणीय गठबंधन के रूप में चुनाव में उतरेगी। हालांकि ढींढसा की पार्टी के साथ भाजपा के गठबंधन को प्रयासों को देखते हुए यह भी कयास लगाए जाने लगे हैं कि भाजपा और अकाली दल बादल में भी फिर से गठजोड़ हो सकता है। फिलहाल कैप्टन का कहना है कि भाजपा और संयुक्त अकाली दल के बीच गठबंधन का उनकी पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस पर कोई असर नहीं होगा।


राजनीति फिजिक्स नहीं केमेस्ट्री है
शाह ने कहा कि राजनीति कोई फिजिक्स नहीं, बल्कि केमेस्ट्री है। यहां जब दो पार्टियां हाथ मिलाती हैं तो उनके वोट दोगुने नहीं होते। यह धारणा गलत है, बल्कि यहां केमेस्ट्री का सूत्र लगता है। दो केमिकलों के मिलने से तीसरा केमिकल बनता है। शाह ने यूपी में सपा, कांग्रेस और बसपा गठबंधन का उदाहरण देते हुए बताया कि वोट बैंक के आधार पर किया गया गठबंधन कभी काम नहीं करता। यूपी में सपा, बसपा व कांग्रेस के साथ आने का सबसे ज्यादा फायदा भाजपा को हुआ और उसकी सरकार बनी।

बैठक हुई पर फाइनल नहीं : ढींढसा
शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के प्रमुख सुखदेव सिंह ढींढसा ने कहा है कि अभी तक केंद्रीय गृह मंत्री के साथ कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि गृह मंत्री के साथ दो दिन पहले करीब आधे घंटे की एक बैठक हुई है, जो काफी सकारात्मक रही है। ढींढसा ने कहा कि फिलहाल गठबंधन के बारे में कुछ भी तुरंत कह पाना मुश्किल है, क्योंकि फैसला पार्टी को लेना है।

हमख्याली पार्टियां एक मंच पर आएं : कैप्टन
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने गृह मंत्री के साथ सुखदेव सिंह ढींढसा की बातचीत का स्वागत किया है। उन्होंने यह भी कहा कि हमख्याली पार्टियों को एक मंच पर आना चाहिए। विचाराधारा में फर्क जैसी कोई बात नहीं होती, क्योंकि अकाली दल और भाजपा लंबे समय तक एक साथ रहे। ऐसे में क्या उनकी विचारधारा एक-दूसरे से घुलमिल गई है? उन्होंने कहा कि सबकी अपनी विचारधारा होती है।

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