कल दोपहर यातायात उपायुक्त के निर्देश के बाद अभियान शुरू, इंटरसेप्टर की मदद लेंगे
इंदौर। हाल ही में स्कूल बस से हुए हादसे के बाद यातायात पुलिस (Traffic police) ने कल दोपहर से स्कूल बसों की जांच का अभियान चला दिया है। अब सडक़ से गुजरने वाली हर बस के साथ ही शैक्षणिक संस्थानों (educational establishments) में जाकर भी यातायात पुलिस हर मापदंड पर स्कूल बसों की जांच करने वाली है। आज से बस की गति देखने के लिए इंटरसेप्टर व्हीकल की मदद भी ली जाएगी। यातायात पुलिस उपायुक्त ने कल दोपहर में बैठक लेकर सभी को निर्देश जारी किए हैं।
यातायात उपायुक्त महेश चंद जैन ने बैठक में निर्देश दिए हैं कि स्कूल बसों की गति को देखने के लिए इंटरसेप्टर व्हीकल की मदद ली जाए। अब प्रमुख सडक़ों पर जहां से स्कूल बसों का ज्यादा आवागमन रहता है, वहां पर यातायात पुलिस इंटरसेप्टर व्हीकल लेकर पहुंचेगी और उससे स्कूल बसों की गति की जांच करेंगे। कल यातायात अमले ने यातायात प्रबंधन बीट क्षेत्र में कुछ शैक्षणिक संस्थाओं के साथ ही सडक़ से गुजर रही स्कूल बसों और वैन को रोककर जांच की थी। एक स्कूल वैन बिना परमिट के चलते हुई पाई गई, तो एक अन्य स्कूल गाड़ी में स्पीड गवर्नर में अधिकतम स्पीड किलोमीटर प्रतिघंटा से मिली। क्यूआरटी-3 के प्रभारी सूबेदार ने उक्त दोनों स्कूल वाहनों को जब्त कर कोर्ट चालान बनाए और वाहन यातायात थाने में खड़े करवाए हैं। कल दोपहर में यातायात उपायुक्त ने बैठक में निर्देश दिए थे कि सुप्रीम कोर्ट की निर्धारित गाइडलाइन के तमाम बिंदुओं पर बारीकी से स्कूल बसों की जांच की जाए। आज सुबह सात बजे से यातायात पुुलिस ने फिर से चौराहों पर स्कूल बसों की जांच शुरू की है।
बीच सडक़ पर सवारियां बैठाने को लेकर मिल रही थी शिकायत
यातायात पुुुुलिस को शहर में सिटी बस, वैन और अन्य लोक परिवहन वाहनों को लेकर लगातार ये शिकायत मिल रही थी कि ये वाहन सवारियां बैठाने के लिए बीच सडक़ पर ही वाहन खड़े कर देते हैं, जिससे कि पीछे आ रहे वाहन चालक कई बार अपने वाहन पर नियंत्रण खो देते हैं, जिससे हादसा होने की संभावना रहती है। आज से इनके विरुद्ध भी अभियान चलाया जाएगा। आम नागरिकों से भी यातायात प्रबंधन पुलिस ने ऐसे नियम तोडऩे वालों के फोटो मंगवाए, जिसके बाद इन पर कार्रवाई की जाएगी।
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