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महंत नरेंद्र गिरि की मौत मामले में पुलिस हिरासत में लिए गए आनंद गिरि

लखनऊ। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि (President of Khil Bhartiya Akhara Parishad Shri Mahant Narendra Giri) के मौत के मामले में उनके शिष्य रहे महंत आनंद गिरि (Disciple Mahant Anand Giri) को उत्तराखंड से पुलिस हिरासत में लिया गया है।

प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने सोमवार देर शाम बताया कि श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के कक्ष से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें आनंद गिरि को आरोपित बनाया गया है। इसी के आधार पर उनको उत्तराखंड से वहां की पुलिस की मदद से हिरासत में ले लिया गया है।


अपर पुलिस महानिदेशक ने बताया कि उत्तर प्रदेश पुलिस श्रीमहंत नरेंद्र गिरि के मौत के मामले में आनंद गिरि से पूछताछ की जाएगी। हालांकि, इसी बीच एक समाचार चैनल के माध्यम से आनंद गिरि ने दावा किया कि अभी वह पुलिस हिरासत में नहीं हैं। उन्होंने बताया कि इस समय वह उत्तराखंड स्थित अपने आश्रम में हैं।

आनंद गिरि ने कहा है कि महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या नहीं की है, बल्कि एक साजिश के तहत उनकी हत्या की गई है। उन्होंने इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा है कि यदि पुलिस प्रशासन इस मामले में उनसे पूछताछ करेगी तो वह पूरा सहयोग करेंगे।

गौरतलब है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि का सोमवार को संदिग्ध परिस्थियों में निधन हो गया। उनका शव प्रयागराज के बाघम्बरी मठ में फंदे से लटकता हुआ मिला है। मौके पर जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारी पहुंच गये हैं। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। मठ के अंदर पुलिस जांच कर रही है और बाहर काफी भीड़ जमा है।

पुलिस ने महंत नरेंद्र गिरि के कक्ष से कई पेज का सुसाइड नोट भी बरामद किया है। इस सुसाइड नोट में आनंद गिरि समेत कुछ शिष्यों के प्रति महंत नरेंद्र गिरि ने नाराजगी जताई है।

किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर सहित अन्य संतों ने जताया शोक
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि के ब्रह्मलीन होने पर किन्नर अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महाराज सहित अन्य संतों ने शोक जताया है।

स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी महाराज ने कहा कि वह बहुत अच्छे संत महात्मा थे, सभी को साथ लेकर चलते थे। सभी को सम्मान देते थे। उनके नेतृत्व में उज्जैन कुंभ, तीर्थराज प्रयाग कुंभ और हरिद्वार कुंभ सकुशल सम्पन्न हुआ था। वह संत समाज को सदैव आगे बढ़ाने के लिए लगे रहते थे। वह विनम्र, सह्दय, दयालु और सदैव किन्नर अखाड़ा पर अपना आशीर्वाद बनाए रखे थे। उनके निधन से अखाड़े को अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें।

वहीं, अखिल भारतीय सन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी ब्रह्मश्रम महाराज ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष के ब्रह्मलीन होने पर शोक जताया है। उन्होंने कहा कि वह संत समाज के भूषण थे। सभी स्थिति में लोगां की मदद करते थे। उनके नेतृत्व मे संत महात्माओं ने तीन कुंभ में स्नान किया था। वह सभी को साथ चलने के लिए और एक होकर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे।

महामंडलेश्वर स्वामी सरजू दास महाराज बीकानेर ने कहा कि वह बहुत अच्छे महात्मा थे। सभी संत महात्माओं को अपना आशीर्वाद देते रहते थे। जिससे सभी लोग उनसे जुड़े रहते थे। सभी अखाड़ों को जोड़कर रखते थे। किन्नर अखाड़ा की प्रदेश अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्या नंद गिरि ने भी शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि उनका आशीर्वाद हमेशा हम लोगों के साथ रहा।

महन्त नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध मौत की सीबीआई जांच हो – हिन्दू महासभा
अखिल भारत हिन्दू महासभा ने अखाड़ा भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महन्त नरेन्द गिरि की हुई संदिग्ध मौत पर दुख व्यक्त किया है। साथ ही योगी सरकार से तत्काल प्रभाव से इस मामले की सीबीआई जांच कराये जाने की मांग की है।

प्रदेश अध्यक्ष ऋषि त्रिवेदी ने कहा कि जिस तरह से प्रशासन अभी तक महन्त की मौत को आत्महत्या बताकर मामले को रफादफा करने की कोशिश में है, जिसे हिन्दू समाज कतई स्वीकार नहीं करेगा। प्रदेश सरकार को इस मामले को गम्भीरता से लेते हुये महन्त नरेन्द्र गिरि की संदिग्ध मौत की सीबीआई जांच कराये। इससे पूरे मामले की पूरी सच्चाई सबके सामने आ सके।

श्री त्रिवेदी ने कहा कि हाल के कुछ वर्षों में प्रदेश में साधु संतों पर हमलों की घटनाएं बढ़ने के साथ हत्याएं हो रही है, जो काफी चिन्तनीय है। जिसको देखते हुये प्रदेश की योगी सरकार को चाहिए कि प्रदेश के प्रमुख साधु संतों की सुरक्षा बढ़ाया जाना जरूरी है। मालूम हो कि पिछले दो दशकों से साधु संतों के बीच अहम स्थान रखने वाले महन्त नरेन्द्र गिरि और उनके शिष्य चर्चित योग गुरू आनंद गिरि के बीच पिछले दिनों विवाद भी रहा है।

स्वामी रामदेव और हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने भी की जांच की मांग
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर संत समाज समेत संपूर्ण सनातनियों में शोक की लहर है। योग ऋषि बाबा रामदेव अयोध्या, हनुमान गढ़ी अयोध्या के पुजारी राजू दास समेत अन्य संतों ने शोक व्यक्त करने के साथ ही जांच की मांग उठाई है। वहीं स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने उनके असमय जाने की घटना को अपूरणीय क्षति बताया है।

स्वामी रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा कि नरेंद्र गिरी जी महाराज से हमारा बहुत अच्छा संबंध था। वह मुझ पर प्रेम के साथ-साथ श्रद्धा भी करते थे। अखाड़ा परिषद के महंत बने, अध्यक्ष बने तब मुझसे मिलने आए। कई बार मैंने उन्हें बुलाया। उन्होंने भी मुझे कई बार बुलाया। हम लोग जब मिलते थे तो शैव और वैष्णव के संबंध में चर्चा करते थे। वह हमारे बीच भौतिक रूप से यहां नहीं हैं। इससे मुझे बहुत कष्ट हुआ है।

अयोध्या हनुमानगढ़ी के पुजारी महंत राजू दास ने कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी जी महाराज के निधन की सूचना बेहद कष्टदाई है। यह बहुत ही दुखद है। उनका असमय जाना सनातन धर्म संस्कृति के लिए बहुत बड़ी क्षति है। साधु समाज के लिए अपार दुख का समय है। हम सबके लिए यह बहुत बड़ी क्षति है क्योंकि नरेंद्र गिरी जी हमेशा सनातन धर्म की सुरक्षा और सभी वर्गों के लिए तत्पर रहने के लिए काम करते थे। उनकी संदिग्ध मौत बेहद दुखद है। राजू दास ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मांग करता हूं कि यह मौत नहीं हत्या है। इसकी जांच हो। जांच ऐसी हो जिससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।

योग ऋषि स्वामी रामदेव ने ट्वीट करके शोक जताया है। उन्होंने कहा की पूज्य महंत नरेंद्र गिरि जी महाराज की रहस्यमय मौत से सनातन संस्कृति की अपूरणीय क्षति हुई है। वह कभी हार ना मानने वाले एक वीर पराक्रमी योद्धा सन्यासी थे। इस पूरे घटनाक्रम की प्रामाणिक और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। (एजेंसी, हि.स.)

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