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कर्नाटक में धर्मांतरण विरोधी कानून रद्द: बीजेपी बोली- कांग्रेस का हाथ लव जिहाद के साथ

भोपाल: कर्नाटक में धर्मांतरण कानून रद्द करने पर सियासी घमासान जारी है. एमपी गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा-कांग्रेस का हाथ लव जिहाद के साथ है. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नाटक से हैं. कानून हटाने पर उन्होंने भी कुछ नहीं कहा. कांग्रेस का ये हिडन एजेंडा है. गृह मंत्री ने सवाल पूछा – प्रियंका गांधी बताएं लड़की हूँ लड़ सकती हूं का नारा कहां गया. यह कानून तो लड़कियों की सुरक्षा के लिए था.

गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार आने के बाद धर्मांतरण रोकने का कानून हटा दिया गया है. आप जिस जिहाद के खिलाफ लड़ते हैं यह उस जिहाद के पक्ष में खड़े हो गए हैं. क्योंकि कांग्रेस की मानसिकता है. कांग्रेस नफरत बांटने का सामान देश में बेच रही है. कांग्रेस जिहादियों के साथ है. धर्मांतरण करवाने वालों के पक्ष में है. कांग्रेस राष्ट्र वादियों से नफरत करती है. कॉन्ग्रेस कहती कुछ और है करती कुछ और है.

पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के 66 सीटों की रिपोर्ट कमलनाथ को सौंपने पर नरोत्तम मिश्रा ने तंज कसा. गृहमंत्री ने चुटकी लेते हुए कहा दिग्विजय सिंह खुद कह चुके हैं, वह जहां जाते हैं वहां कांग्रेस हार जाती है. दिग्विजय सिंह को कमलनाथ को नहीं हमारे प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को यह रिपोर्ट सौंपने चाहिए थी कि आप यह 66 सीटें जीत रहे हैं. इस बार टिकट दिलवाने पर दिग्विजय सिंह का ज्यादा जोर है. दिग्विजय की नजर कहीं और है. छिंदवाड़ा का नतीजा बता रहा है वहां बीजेपी जीत रही है. छिंदवाड़ा से जीत की शुरुआत हो गई है. यह भाजपा के लिए शुभ संकेत है.


कर्नाटक में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनी है. सत्ता में आते ही कांग्रेस ने धर्मांतरण विरोधी कानून 2022 को रद्द कर दिया है. कांग्रेस के विरोध के बावजूद इसे बीजेपी सरकार ने लागू किया था. इस कानून के तहत एक धर्म से दूसरे धर्म में जबरन, किसी के प्रभाव में या बहकाकर धर्म परिवर्तन कराना गैरकानूनी बताया गया है. इसके तहत तीन से पांच साल की कैद और 25000 रुपये जुर्माने का प्रावधान था. इस कानून के तहत धर्म परिवर्तन कराने वाले व्यक्ति पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाने का भी प्रावधान था. सामूहिक तौर पर धर्म परिवर्तन के लिए 3से 10 साल तक की कैद और एक लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान थी. कोई भी शादी जो धर्म परिवर्तन के इरादे से ही की गई है, फैमिली कोर्ट में अवैध मानकर गैरजमानती अपराध बताया गया है. कर्नाटक कैबिनेट ने धर्मांतरण विरोधी कानून को रद्द करने का फैसला किया है. कानून को रद्द करने के लिए सरकार विधानसभा के आगामी सत्र में प्रस्ताव लेकर आएगी.

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