भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

अस्थायी कार्यालय में ही तैयार होगी भाजपा 2023 की रणनीति

  • पुराने कार्यालय को टूटने में ही लगेंगे 6 माह

भोपाल। मध्य प्रदेश बीजेपी भोपाल में स्थित मुख्यालय को तोड़कर दिल्ली की तर्ज पर नई हाईटेक बिल्डिंग बना रही है। इस कार्यालय को तोडऩे का काम नए साल में अगले सप्ताह से शुरू होगा। जिसमें 6 माह का समय लग जाएगा। ऐसे में विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी का नया कार्यालय तैयार नहीं हो पाएगा। अब बीजेपी की 2023 विधानसभा चुनाव की रणनीति पुराने अस्थायी काय्रालय में ही तैयार होगी।
बीजेपी की मौजूदा बिल्डिंग में कार्यालय और कमर्शियल कॉम्पलेक्स बना है। अगले सप्ताह से कार्यालय की बिल्डिंग गिराने का काम शुरू होगा। इसके बाद कॉम्पलेक्स की बिल्डिंग तोड़ी जाएगी। इन्हें गिराने में विस्फोटक का उपयोग नहीं किया जाएगा। यही कारण है कि दोनों बिल्डिंग गिराने और उसे समतल करने करीब 6 महीने का समय लग जाएगा।

पूरे प्रदेश में बनेंगे कार्यालय
संगठन द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार मध्यप्रदेश के सभी 52 जिलों में भाजपा के कार्यालय बनाए जाएंगे, इसी के तहत राजधानी भोपाल स्थित भाजपा कार्यालय को भी तोडकऱ नया बनाया जाएगा, इस कार्यालय में कई दुकानें भी बनी है, यहां पहले कार्यालय को तोड़ा जाएगा, इसके बाद दुकानें तोड़ी जाएंगी, फिर इसके अत्याधुनिक रूप से तैयार किया जाएगा। जिसमें कई दुकानों के साथ हाईटेक भाजपा कार्यालय बनेगा। उम्मीद है कि इस कार्यालय को तोडऩे में ही करीब छह से सात माह का समय लगेगा। फिर इसके निर्माण की प्रक्रिया शुरू होगी। सभी जिलों में भाजपा कार्यालय बनाने के लिए संगठन स्तर पर भी निर्देश दे दिए हैं।


यह होगा खास
नए हाईटेक बिल्डिंग को मध्य प्रदेश की थीम पर तैयार करने की बात कही जा रही है। इसको लेकर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की सहमति भी मिल गई है। नए बिल्डिंग में मोर्चा पदाधिकारियों के कार्यालय के साथ ही आधुनिक सभा कक्ष, सेमिनार हॉल, आधुनिक स्टूडियो होंगे। साथ ही पदाधिकारियों और वीआईपी के रहने के इंतजाम भी होगे। इसके अलावा जिन जिलों में पार्टी के कार्यालय नहीं बने है, वहां पर भी कार्यालयों का निर्माण जल्द शुरू करने के निर्देश दिए गए है।

6 चुनाव में तीन में मिली हार
मौजूदा पंडित दीनदयाल उपाध्याय बिल्डिंग में बीजेपी कार्यालय 1992 से संचालित है। इसके बाद से बीजेपी ने यहां पर 6 विधानसभा चुनाव लड़े। इनमें बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने 3-3 चुनाव जीते। बीजेपी को 1993, 1998 और 2018 के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था।

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