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5G में अभी 600 Mbps की स्पीड मिलेगी, कंप्यूटर की तरफ काम करेगा आपका फोन

नई दिल्ली: मोबाइल ग्राहकों को अभी 5जी में 600 मेगाबिट प्रति सेकंड की गति मिलेगी. ऐसी उम्मीद है कि इसमें हैंडसेट यानी मोबाइल फोन ऐप तक पहुंचने और डाटा प्रोसेसिंग में ठीक उसी तरह से काम करेगा, जैसा कि कंप्यूटर करते हैं. 5जी इंडस्ट्री के विशेषज्ञों ने यह बात बताई है. रिलायंस जियो ने चार शहरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और वाराणसी में चुनिंदा ग्राहकों और भारती एयरटेल ने आठ शहरों दिल्ली, मुंबई, वाराणसी, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, नागपुर और सिलीगुड़ी में 5जी हैंडसेट वाले सभी ग्राहकों के लिए 5जी सेवाएं शुरू की हैं. दोनों कंपनियों के ग्राहकों को 5जी सेवाएं लेने के लिए मौजूदा सिम को बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

रिलायंस जियो ने कहा है कि उसके ग्राहक बीटा ट्रायल के तहत 5जी सेवाओं का लाभ तब तक लेते रहेंगे, जब तक कि किसी शहर का नेटवर्क कवरेज पूरी तरह से तैयार नहीं हो जाता. कंपनी ने एक गीगाबिट प्रति सेकंड (gbps) तक की स्पीड के साथ ऑनलिमिटेड 5जी इंटरनेट की सुविधा देने की बात कही है. हालांकि, इस क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि इस स्तर की स्पीड मोबाइल स्टेशनों के बहुत करीब ही उपलब्ध होगी.

शुरू में इतनी मिलेगी स्पीड
एरिक्सन के नेटवर्क समाधान, रणनीतिक नेटवर्क विकास प्रमुख (दक्षिण पूर्व एशिया, ओशिआनिया और भारत) थियावसेंग एनजी ने कहा, 5जी के शुरू होने के बाद अभी 600 एमबीपीएस (मेगाबिट प्रति सेकंड) तक की गति मिलने की उम्मीद है. इसका कारण नेटवर्क पर कॉल और डेटा उपयोग कम होना है. हालांकि, पूरी तरह से लागू होने के बाद भी इसमें 200-300 एमबीपीएस की गति मिलेगी.

ऐसे सेलेक्ट करें 5G
इसका मतलब है कि 600 एमबपीपीएस की गति पर दो घंटे की करीब छह जीबी फाइल वाले हाई डेफिनेशन सिनेमा को एक मिनट 25 सेकंड में डाउनलोड किया जा सकेगा. वहीं 4के सिनेमा (अल्ट्रा हाई डेफिनेशन यानी काफी हाई क्वालिटी वाला) को डाउनलोड करने में करीब तीन मिनट का समय लगेगा. 5जी हैंडसेट खरीदने वाले या 5जी-इनेबल हैंडसेट रखने वाले ग्राहकों को अपनी नेटवर्क सेटिंग में 5जी विकल्प दिखाई देगा और उन्हें सेवा का लाभ उठाने के लिए इसका चयन करना होगा. ग्राहकों के इलाके में 5जी उपलब्ध होने पर, उनके हैंडसेट पर मोबाइल नेटवर्क डिस्प्ले 4जी के बजाय 5जी दिखना शुरू हो जाएगा.


क्या कहते हैं एक्सपर्ट
सरकारी कंपनी बीएसएनएल के पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अनुपम श्रीवास्तव के अनुसार टेलीकॉम कंपनियां 5जी सेवा शुरू होने तक मुफ्त में सेवा दे सकती हैं. इससे वे ग्राहकों को नई सेवाओं के फायदे बता सकेंगी. श्रीवास्तव ने कहा, एक बार जब एक सर्किल में 5जी सेवा शुरू हो जाती है, तो टेलीकॉम कंपनी अपनी शुल्क दरों की घोषणा कर सकती है और 5जी के लिए ज्यादा शुल्क ले सकती है.

नोकिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और भारतीय बाजार के प्रमुख संजय मलिक ने कहा कि 5जी में हाई स्पीड भारत में प्रति ग्राहक औसत डेटा खपत को डेढ़ साल में दोगुना कर देगी. उन्होंने कहा कि 5जी सेवाओं के लिए दरें हर देश में अलग-अलग होती हैं. मलिक ने कहा, कुछ देश ऐसे हैं जो 5जी के लिए अलग से शुल्क नहीं ले रहे हैं. कुछ ऐसे भी हैं जो अधिक शुल्क वसूल रहे हैं. भारत के लिए मॉडल यहां के कारोबार आधार पर विकसित होगा.

कंप्यूटर की तरह काम करेगा फोन
देश में 5जी शुरू होने से स्मार्टफोन की कीमत कम होने के साथ-साथ वह पेशेवर कंप्यूटर की तरह काम करेगा. यह ठीक वैसे ही होगा, जैसे आप वर्कस्टेशन यानी दफ्तर में काम कर रहे हैं. क्वालकॉम के अध्यक्ष और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) क्रिस्टियानो अमोन ने कहा, जब हम भारत में 5जी विकास के अवसरों को देखते हैं, तो मुझे कई और बहुत महत्वपूर्ण अवसर दिखाई देते हैं. पहला, भारत में हर एक डिवाइस में सभी अलग-अलग मूल्य पर 5जी तकनीक मिलेगी. अमोन ने कहा, यदि आपके पास 5जी फोन या कंप्यूटर है और आप एक ऐसा एप्लिकेशन चलाना चाहते हैं जिसके लिए बहुत अधिक कैलकुलेशन की जरूरत होती है, 5जी वह कनेक्शन देगा.

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