नई दिल्ली (New Delhi)। सेना के जवान अब छुट्टियों (holidays) में भी देश सेवा के कार्यों में जुटे नजर आएंगे। भारतीय सेना (Indian Army) चाहती है कि सैनिक “राष्ट्र-निर्माण प्रयासों” (nation-building efforts) को बढ़ाने के लिए अपनी छुट्टी के वक्त में सामाजिक सेवा में भाग लें।
देश भर में सेना की सभी संरचनाओं से हर तिमाही में इसे लेकर अपना फीडबैक (प्रतिपुष्टि) देने के लिए कहा गया है. सेना मुख्यालय की एडजुटेंट जनरल शाखा के समारोह और कल्याण निदेशालय द्वारा सभी कमांड के हेडक्वार्टर को मई के महीने में इस संबंध में पत्र जारी किया गया था।
एक रिपोर्ट के अनुसार एडजुटेंट जनरल की ब्रांच के तहत सेना के समारोह और कल्याण निदेशालय ने मई में सभी कमांड मुख्यालयों को एक लेटर लिखा था जिसमें जवानों को अपनी छुट्टियों का अच्छा से इस्तेमाल करने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने की सिफारिश की थी।
लेटर में कहा गया कि छुट्टी पर जाने वाला हर सैनिक अपनी रुचि और अपने स्थानीय समुदाय की आवश्यकता के आधार पर किसी भी सब्जेक्ट को चुने और सेना के राष्ट्र निर्माण की कोशिश में व्यक्तिगत योगदान देते हुए स्थानीय लोगों को अपने अभियान में शामिल करें। साथ ही हर तीन महीने में चलाए गए अभियानों पर फीडवैक देने के लिए भी कहा गया।
सैन्य मामलों के जानकार लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया (सेवानिवृत्त) का कहना है कि जवानों को राष्ट्र निर्माण और अपने स्थानीय समुदायों की भलाई में अपना योगदान देना चाहिए, हालांकि ये भी जरूरी है कि जिला प्रशासन और स्थानीय पुलिस उनकी मदद करे. साथ ही उनके सामने आने वाली हर समस्या का हल करे, शिकायतों का समाधान करे।
लेटर में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि जो जवान अक्सर कठिन परिस्थितियों में सेवा करते हैं क्या उनके पास इस तरह की सोशल एक्टिविटीज करने के लिए पर्याप्त समय होगा. जहां जवानों को छुट्टी देने का मकसद उन्हें अपने परिवार के साथ समय बिताने और व्यक्तिगत काम पूरा करने की परमिशन देना है, वहीं स्थानीय लोगों के साथ जुड़ने की भी पर्याप्त गुंजाइश है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved