विशेष चेकिंग टीम को नजर नहीं आता ये नजारा…
इंदौर। स्कूल (schools) खुलते ही ये नजारे शहर (Indore) में आम हो गए हैं कि नाबालिग ( minors) दोपहिया वाहनों (Two wheelers) पर एक बार फिर नजर आने लगे हैं। यहां तक कि कई नाबालिगों को कार, वैन और ई-रिक्शा तक चलाते आसानी से पूरे शहर में देखा जा सकता है, लेकिन इन पर कोई सख्ती नहीं हो रही है, न ही इन्हें लेकर कोई विशेष अभियान चलाया जा रहा है। ये यातायात नियमों का भी पालन नहीं करते।
बिना हेलमेट, बिना लाइसेंस और इस पर भी एक दोपहिया पर तीन से चार स्कूली बच्चे आराम से बैठे देखे जा सकते हैं। इन्हें रोकने वाला कोई नहीं। नाबालिग के वाहन चलाने के नियम भले ही सख्त हों और स्कूलों में जाकर कितने ही जागरूकता अभियान चला लिए जाएं, लेकिन शहर की सडक़ें इन दिनों कुछ और ही कह रही हैं कि यातायात पुलिस इन पर सख्ती करती ही नहीं। कभी-कभार अगर किसी को रोक लिया तो अभिभावकों को मौके पर बुलाकर जुर्माना लगा दिया जाता है, जबकि इसे लेकर विशेष अभियान चलाए जाने की आवश्यकता है। लचर व्यवस्था का ही नतीजा है कि नाबालिग इतने बेखौफ हैं कि दोपहिया तो चला ही रहे हैं, कई कार, ई-रिक्शा और वैन तक दौड़ा रहे हैं। फिलहाल स्कूल खुल चुके हैं और शहर में एक बार बच्चे सुबह स्कूल जाते और लौटते समय बेखौफ दोपहिया दौड़ाते नजर आ रहे हैं।
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