भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

जितनी देर में जांच Report नहीं आती ऊतनी देर में Collector ने लगवा दिया Oxygen plant

  • हर दिन भरे जाएंगे 100 सिलेंडर, सीधे मरीजों तक भी पहुंचाई जाएंगी सांसें

भोपाल। प्रदेश में ऑक्सीजन (Oxygen) संकट के बीच यह खबर राहत देने वाली है कि रीवा (Rewa) में दो दिन के भीतर ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) स्थापित हो गया है और रोजाना 100 सिलेंडर ऑक्सीजन (Cylinder oxygen) का उत्पादन भी शुरू हो गया है। प्लांट जनभागीदारी से स्थापित किया गया है। जिसमें 89 लाख का खर्च आया है। कम समय में प्लांट (Plant) तैयार करने के लिए कलेक्टर डॉ टी इलैया राजा (Collector Dr. T. Ilaiya Raja) ने अलग-अलग विभागों के अफसरों की स्पेशल टीम (Special team) बनाकर काम किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने कलेक्टर और उनकी टीम की तारीफ की है। साथ ही अन्य जिलों को भी इसी तरह ऑक्सीजन (Oxygen) की कमी को पूरा करने को कहा है। रीवा कलेक्टर डॉ. टी इलैयाराजा (Collector Dr. T. Ilaiya Raja) ने बताया कि सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल (Specialty Hospital) में ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen Plant) लगाने के लिए टेंडर सहित पूरी प्रक्रिया केवल सात दिनों में पूरी की गई। कम अवधि का टेण्डर (Tender) जारी करके दिल्ली से ऑक्सीजन प्लांट (Oxygen plant) बुलवाया गया। कुल 89 लाख रुपए की लागत से प्लांट स्थापित किया गया। दिल्ली से मशीनें बाहर निकलने में कई बाधाएं आ रही थीं। विभिन्न स्तर पर प्रयास करके मशीनें प्राप्त की गयी। उन्होंने बताया कि प्लांट आने से पहले ही आधा दर्जन विभागों ने मिलकर बिजली की लाइन, गैस लाइन तथा अन्य सभी जरूरी तैयारियों कर ली थीं। जैसे ही प्लांट आया स्थापित करने के बाद 30 घंटे तक ट्रायल किया गया। 29 अप्रैल से प्लांट से सिलेण्डरों में ऑक्सीजन भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई। यह प्लांट वातावरण से ऑक्सीजन लेकर उसे संघनित करके सिलेण्डरों में भरता है। कलेक्टर ने बताया कि प्लांट से ऑक्सीजन सीधे मरीजों के बेड तक पहुंचाने के लिए भी पाइपलाइन फिट की जा चुकी है। ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना रीवा के संजय गांधी मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल में की गई है। प्लांट के लिए फंड जुटाने में स्थानीय विधायक राजेन्द्र शुक्ल एवं अन्य ने मदद की। प्लांट के लिए 52 लाख का एडवांस भुगतान किया गया।

भिंड में बदल दिया था अस्पताल का ढर्रा
रीवा कलेक्टर डॉ टी इलैया राजा की शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विशेष रुचि हैं। भिंड कलेक्टर रहते उन्होंने जिला चिकित्सालय का कायाकल्प किया था। अब भिंड का चिकित्सालय प्रदेश के सबसे बेस्ट अस्पतालों में गिना जाता है। भिंड अस्पताल में कई बार अवॉर्ड भी जीते हैं। भिंड हमेशा से बोर्ड परीक्षाओं में नकल के लिए बदनाम रहा। टी इलैया के समय नकल पर पूरी तरह से पाबंदी लगा दी गई थी। अब इलैया राजा ने रीवा कलेक्टर रहते ऑक्सीजन संकट को दूर करने में कुछ हद तक सफलता पा ली है।

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