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पाकिस्तान का राष्ट्रपति बनते ही आसिफ अली जरदारी ने रचा ये इतिहास

नई दिल्ली: नौ मार्च शनिवार को आसिफ अली जरदारी ने इतिहास रच दिया. आसिफ अली जरदारी भारी बहुमत से पाकिस्तान के 14वें राष्ट्रपति के रूप में चुने गए और दूसरा कार्यकाल हासिल करने वाले पहले नागरिक बनें. पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष जरदारी, पीपीपी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के गठबंधन के उम्मीदवार थे. 68 वर्षीय जरदारी को नेशनल असेंबली और सीनेट में 255 वोट मिले. आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान की पूर्व और पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति हैं.

उनके विपक्षी महमूद खान अचकजई उनकी पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी के प्रमुख हैं. उन्हें जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने मैदान में उतारा था और सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल ने उनका समर्थन किया था. पाकिस्तान चुनाव आयोग द्वारा चुनाव परिणाम घोषित किए जाने के तुरंत बाद पीपीपी ने एक्स पर पोस्ट किया, “आसिफ अली जरदारी पाकिस्तान के इतिहास में पहले नागरिक राष्ट्रपति हैं जो दूसरी बार इस पद की जिम्मेदारी संभालने के लिए चुने गए हैं. 68 वर्षीय जरदारी को नेशनल असेंबली और सीनेट में 255 वोट मिले जबकि उनके 75 वर्षीय विपक्षी को 119 वोट मिले.


नए राष्ट्रपति का चुनाव नेशनल असेंबली और चार विधानसभाओं के नवनिर्वाचित सदस्यों के इलेक्टोरल कॉलेज द्वारा किया गया था. सिंध विधानसभा में, जहां जरदारी की पीपीपी सत्ता में है, उन्हें 58 वोट मिले, जबकि बलूचिस्तान विधानसभा में भी उन्हें सभी 47 वोट मिले. पंजाब विधानसभा में जहां पीएमएल-एन ने सरकार बनाई है, जरदारी को 43 वोट मिले जबकि अचकजई को 18 वोट मिले. खैबर पख्तूनख्वा विधानसभा में, जहां एसआईसी/पीटीआई की सरकार है, अचकजई को 41 वोट मिले जबकि जरदारी को सिर्फ 8 वोट मिले.पाकिस्तान चुनाव आयोग ने कहा, डाले गए वैध वोटों की कुल संख्या 1,035 थी. उन्होनें बताया कि निर्वाचक मंडल में सीटों की कुल संख्या 1,185 थी, जिनमें से 92 खाली थीं. बाकी 1,093 मतदाताओं को अपने मताधिकार का प्रयोग करना था. चुनाव आयोग ने बताया कि 1,044 वोट डाले गए जिनमें से नौ अवैध घोषित किए गए.

इस बीच, इमरान खान की पीटीआई ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति के रूप में जरदारी के चुनाव को “असंवैधानिक और अस्वीकार्य” बताया और लोगों से रविवार को चुनावी डकैती के खिलाफ देश भर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का आग्रह किया. खान पहले ही दावा कर चुके हैं कि 8 फरवरी के चुनावों में ‘धांधली’ देखी गई है और उन्होंने अपने विपक्षी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी को “जनादेश चोर” कहा है. पीटीआई के प्रवक्ता रऊफ हसन ने कहा, एक तरफ, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जरदारी जनादेश चोरों के वोटों के सहारे सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचेंगे और दूसरी तरफ, चुनावी कॉलेज अधूरे थे. उन्होंने कहा कि चुराए गए जनादेश पर फर्जी शपथ लेने वाले अनिर्वाचित सदस्यों का राष्ट्रपति के लिए वोट करना, पूरी तरह से असंवैधानिक और अस्वीकार्य था.

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