विदेश

एस्ट्राजेनेका की स्टडी में दावा- एंटीबॉडी इंजेक्शन से कोविड-19 के जोखिम कम!

नई दिल्ली। टीके (Vaccine) बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका की एक स्टडी में दावा किया गया है कि इंजेक्शन (injection) के माध्यम से दिए गए एंटीबॉडी ट्रीटमेंट(Antibody treatment) से कोविड-19 (Covid-19) के प्रकोप या इस बीमारी से मौत के जोखिम में कमी देखी गई है. हल्के से मध्यम लक्षण वाले कोविड-19(Covid-19) के ऐसे रोगियों को दिये गये उपचार की तुलना में ये परिणाम प्रभावी हैं जो अस्पताल में भर्ती नहीं हैं.
खबरों के मुताबिक ब्रिटिश-स्वीडिश बायोफार्मास्युटिकल कंपनी (British-Swedish biopharmaceutical company) का कहना है कि इंट्रामस्क्युलर (IM) इंजेक्शन द्वारा दी गई AZD7442 की 600mg की एक खुराक ने गंभीर COVID-19 होने या मृत्यु (किसी भी कारण से) के जोखिम को 50 प्रतिशत तक कम कर दिया. जो कि आउट पेशेंट में प्लेसीबो की तुलना में सात दिनों या उससे कम समय के सेमप्टोमेटिक थे.



एस्ट्राजेनेका के बायोफार्मास्युटिकल्स आरएंडडी के कार्यकारी उपाध्यक्ष मेने पंगालोज ने कहा, ‘एजेडडी7442, हमारे दीर्घकालिक सक्रिय एंटीबॉडी समुच्चय के लिए ये महत्वपूर्ण परिणाम कोविड-19 की रोकथाम और उपचार दोनों में इस पद्धति के उपयोग के लिए साक्ष्यों को बढ़ाते हैं.’
कंपनी की तरफ से हाल ही में कहा गया था कि ‘एजेडडी7442’ के नाम वाला उपचार, कोविड-19 की रोकथाम के लिहाज से आपात उपयोग के लिए पहला एंटीबॉडी उपचार होगा. एस्ट्राजेनेका ने कहा कि उपचार से उन लोगों को बचाया जा सकता है जिनका इम्यून सिस्टम, टीकाकरण पर सही से काम नहीं करता.
बता दें कि एस्ट्राजेनेका, कोविड-19 रोधी टीका विकसित करने वाली एक एंग्लो-स्वीडिश दवा निर्माता कंपनी है. कंपनी ने हाल ही में कोरोना बीमारी की रोकथाम के लिए एंटीबॉडी उपचार तैयार किया है और एफडीए से इसे अधिकृत करने को कहा था.

Share:

Next Post

अमीर बनना चाहते हैं तो दशहरे पर कर लें नारियल का यह टोटका

Tue Oct 12 , 2021
नई दिल्‍ली। सनातन धर्म में नारियल (Coconut) को श्रीफल कहा गया है। श्रीफल यानी कि फलों में सर्वश्रेष्‍ठ फल. हर पूजा-पाठ, शुभ कार्य (Every worship, auspicious work) में नारियल का उपयोग होता है. बल्कि कोई नया काम शुरू करना हो या अहम यात्रा पर निकलना हो उसका श्रीगणेश नारियल फोड़कर ही किया जाता है। अमीर […]