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PM मोदी को लेकर ऑस्ट्रेलियाई पीएम से पूछे तीखे सवाल, अल्बनीज से बड़ी सहजता से दिए जवाब

नई दिल्‍ली (New Delhi) । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की ऑस्ट्रेलिया यात्रा (australia travel) के दौरान प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज (Prime Minister Anthony Albanese) के साथ उनकी बॉन्डिंग की चर्चा जोरों पर है. अल्बनीज सिडनी ओलंपिक पार्क के कुडोस बैंक एरिना में पीएम मोदी के भव्य स्वागत (grand reception) के दौरान मौजूद रहे और उन्होंने पीएम मोदी की जमकर तारीफ करते हुए उन्हें बॉस कहा. लेकिन इसके कुछ घंटे बाद ही बुधवार सुबह अल्बनीज को ऑस्ट्रेलियाई मीडिया के तीखों सवालों का सामना करना पड़ा.

ऑस्ट्रेलिया के कई जाने-माने पत्रकारों ने अल्बनीज से सवाल किया कि क्या उन्हें नहीं लगता कि मोदी कुछ हद तक तानाशाह हैं? हालांकि, अल्बनीज ने पत्रकारों के इन तीखे सवालों का सहजता से जवाब दिया. वह पीएम मोदी की आलोचनाओं को खारिज करते हुए बार-बार कहते दिखे कि भारत एक लोकतंत्र है और वहां सबके अपने अपने विचार हैं. हालांकि, सनराइज टीवी के होस्ट डेविज कोच और एबीसी के पत्रकार माइकल रॉलैंड ने अल्बनीज को बार-बार घेरने की कोशिश की.

मोदी की लोकप्रियता पर सवाल
डेविड कोच ने मोदी की लोकप्रियता पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘मैं यह मोदी को नीचा दिखाने के मकसद से नहीं पूछ रहा लेकिन बहुत से ऑस्ट्रेलियाई लोगों की तरह, मैं सोच रहा था कि इस शख्स (मोदी) की अपने ही देश में 80 प्रतिशत लोकप्रियता कैसे हो सकती है?’

कोच ने कहा कि मोदी का जो इतिहास रहा है, उसे लेकर वो चिंतित हैं, खासकर उन पर आरोप लगते हैं कि वो प्रेस की स्वतंत्रता को दबाते हैं, अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव करते हैं और उन्होंने लोकतंत्र को कमजोर किया है. कोच ने सवाल किया, ‘ऐसा लगता है कि वो थोड़े तानाशाह किस्म के हैं?’

इन तीखे सवालों के जवाब में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री अल्बनीज ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. उन्होंने कोच को बताया कि मोदी ने अपने शासनकाल में भारत से गरीबी को कम करने की कोशिश की है और भारतीयों के लिए बड़े पैमाने पर अवसरों को बढ़ाया है. अल्बनीज ने कहा, ‘हमने भारत का जो विकास देखा है, वो अद्भुत है. और प्रधानमंत्री मोदी सच में बहुत लोकप्रिय हैं, सबके बीच नहीं…भारत एक लोकतंत्र है लेकिन वो अधिकांश लोगों के बीच लोकप्रिय हैं.’


कोच ने अल्बनीज की इस टिप्पणी पर सवाल किया, ‘तो दूसरे शब्दों में क्या यह कहा जा सकता है कि उन्होंने ऐसा करने के लिए कड़ा रुख अपनाया.’ उनके इस सवाल पर अल्बनीज ने कहा कि वो भारत की घरेलू राजनीति पर चर्चा नहीं करना चाहते लेकिन साथ ही यह दोहराया कि भारत एक लोकतंत्र है. उन्होंने कहा, ‘इस पर मैं टिप्पणी नहीं कर सकता लेकिन भारत एक लोकतंत्र है और वहां अलग-अलग विचार हैं जो कि एक अच्छी बात है.

ऑस्ट्रेलिया में मोदी विरोधी प्रदर्शनों पर सवाल
पीएम मोदी की ऑस्ट्रेलिया में मौजूदगी के दौरान ही ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री आवास किरीबिली हाउस के सामने कुछ प्रवासी भारतीयों ने मोदी के दौरे के खिलाफ विरोधी प्रदर्शन भी किए हैं. कुडोस बैंक एरिना में जब पीएम का कार्यक्रम चल रहा था, तब उसके बाहर भी मोदी के विरोध में प्रदर्शन हुए. इसे लेकर एबीसी पत्रकार माइकल रॉलैंड ने कहा- इससे स्पष्ट होता है कि पीएम मोदी को सभी भारतीय प्रवासियों का समर्थन नहीं मिला.

उन्होंने अल्बनीज से पूछा, ‘उन पर अपने राजनीतिक विरोधियों को दबाने का आरोप है, उन पर मीडिया को भी दबाने का आरोप है, उन पर मुसलमानों के साथ भेदभाव करने का आरोप है. क्या इसमें से कोई आरोप आपको परेशान करता है?

इस सवाल के जवाब में अल्बनीज ने कहा, ‘यहां ऑस्ट्रेलिया में, लोगों को अधिकार है कि वो अपनी बात शांतिपूर्ण तरीके से रख सकें… और हम सभी राजनीति में लोगों के बारे में अलग-अलग विचार रखते हैं. ऑस्ट्रेलिया, निश्चित रूप से, हमेशा मानवाधिकारों के लिए खड़ा होता है, चाहे यह दुनिया में कहीं भी हो.’

क्या पीएम मोदी के सामने अल्बनीज मानवाधिकारों का मुद्दा उठाएंगे?
उनकी इस टिप्पणी पर रॉलैंड ने पूछा कि क्या वह पीएम मोदी के सामने मानवाधिकार के मुद्दों को उठाएंगे? जवाब में अल्बनीज ने कहा कि वो विश्व के नेताओं से किसी भी मुद्दे पर सीधे बात करते हैं. उन्होंने आगे कहा, ‘पीएम मोदी और विश्व से अन्य नेताओं के साथ मेरे रिश्ते बेहद सम्मानजनक हैं.’

रॉलैंड ने अल्बनीज से यह भी पूछा कि पीएम मोदी ने अब तक यूक्रेन पर आक्रमण को लेकर रूस की आलोचना नहीं की है, क्या इसे लेकर वो चिंतित हैं? जवाब में अल्बनीज ने कहा कि भारत अपने अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए खुद जिम्मेदार है.

उन्होंने कहा, ‘भारत बहुत लंबे समय से गुट-निरपेक्ष आंदोलन का नेता रहा है. लेकिन भारतीय हमारे क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता के बड़े समर्थक हैं.’ उन्होंने आशा जताई कि जी-20 राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन (सितंबर) और क्वाड की बैठक तक यूक्रेन का मुद्दा सुलझा लिया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि उस वक्त तक यूक्रेन का मुद्दा अवश्य ही सुलझा लिया जाएगा. अगर ऐसा नहीं होता है मैं आशा करता हूं कि इस बार भी वैसा ही बयान जारी किया जाएगा जैसा पिछले साल किया गया था. भारत ने उसमें हिस्सा लिया था.’

पिछले साल इंडोनेशिया के बाली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के समापन के बाद जारी बयान में यूक्रेन पर आक्रमण के लिए रूस की आलोचना की गई थी.

ऑस्ट्रेलिया यात्रा को लेकर क्या बोले पीएम मोदी?
ऑस्ट्रेलिया में पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया जिससे वो काफी अभिभूत हैं. वो सोमवार को तीन दिवसीय यात्रा पर ऑस्ट्रेलिया पहुंचे थे. मंगलवार को उनके स्वागत में कुडोस बैंक एरिना में 20 हजार से अधिक प्रवासी भारतीय जमा हुए थे जिन्हें पीएम मोदी ने संबोधित भी किया.

अपने ऑस्ट्रेलिया दौरे को लेकर पीएम मोदी ने ट्वीट किया है, ‘मैं ऑस्ट्रेलिया के लोगों, वहां की सरकार और अपने दोस्त एंथनी अल्बनीज का उनके आतिथ्य के लिए शुक्रिया कहना चाहता हूं. हम भारत-ऑस्ट्रेलिया की दोस्ती बढ़ाने की दिशा में काम करते रहेंगे जो वैश्विक भलाई के हित में भी है.’

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