- ये अंदर की बात है… 19 में से 9 पार्षदों के साथ अधिकांश नेताओं ने जब किया तीखा विरोध, तो कमलनाथ को भी फैसला होल्ड करवाना पड़ा, पटवारी ने जमाया था नियुक्ति का पूरा खेल
इंदौर। रविवार की रात जैसे ही सोशल मीडिया पर मध्यप्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी के नामों की सूचियां जारी हुई और शहर अध्यक्ष का पद अरविन्द बागड़ी को मिलने का खुलासा हुआ तो उसके तुरंत बाद सोशल मीडिया पर 5 लाइन का एक संदेश चला, जिसने भोपाल से दिल्ली तक हल्ला मचा दिया। वरिष्ठ पत्रकार की टिप्पणी को विरोधियों ने जमकर भुनाया और भोपाल से दिल्ली तक धड़ाधड़ मैसेज-मेल कर दिए। नतीजतन 24 घंटे भी बागड़ी पद पर नहीं रह सके और फैसला होल्ड कर दिया गया। 19 में से 9 पार्षदों ने भोपाल जाकर पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के सामने तीखा विरोध दर्ज कराया और अन्य वरिष्ठ कांग्रेसी भी साथ रहे।
अरविन्द बागड़ी को अध्यक्ष बनाने का पूरा खेल जीतू पटवारी ने जमाया, जो पहले भी निगम में नेता प्रतिपक्ष सहित कई महत्वपूर्ण नियुक्तियां दिल्ली दरबार में अपनी पहुंच के चलते करवा चुके हैं, लेकिन अरविन्द बागड़ी की नियुक्ति का दांव गलत साबित हुआ और उन पर व्यापारी, कालोनाइजर से लेकर फूल छाप कांग्रेसी के आरोप लगे। दरअसल अध्यक्ष की कुर्सी पर गोलू अग्निहोत्री की भी नजर है और उनका दावा भी पुख्ता था, मगर ऐन वक्त पर पटवारी ने दाव कर दिया। नतीजतन सोशल मीडिया पर जैसे ही बागड़ी के खिलाफ हल्ला मचा और पत्रकारों के व्हाट्सएप ग्रुप पर खूब मैसेज चले, जिसे हथियार बनाकर विरोधियों ने कांग्रेस अध्यक्ष खडग़े से लेकर अन्य जिम्मेदारों तक ये मैसेज पहुंचा दिए और कल सुबह 9 पार्षद और अन्य वरिष्ठ नेता कमलनाथ से भी जाकर मिले। नतीजे में बागड़ी का निर्णय होल्ड हो गया। हालांकि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ इसे अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना सकते हैं। उन्होंने इसे अनुशासनहीनता मानते हुए लिए गए निर्णय के इस तरह विरोध का झंडा उठाने वाले किरदारों की खोज शुरू कर दी है। संभावना है कि वे पद के दावेदार लोगों के अलावा अब किसी तीसरे व्यक्ति की ही नियुक्ति का आदेश जारी करें, क्योंकि जिस तरह से उनके निर्णय का विरोध हुआ है, उससे जहां कांग्रेस की भारी किरकिरी हुई, वहीं प्रदेश अध्यक्ष के वजूद पर भी सवाल उठे।
नहीं टला विवाद… बागड़ी बोले- अध्यक्ष की कुर्सी पर मैं ही बैठूंगा
शहर कांग्रेस में अध्यक्ष पद को लेकर खुलकर गुटबाजी देखने को मिल रही है। नवनियुक्त अध्यक्ष पद को लेकर शहर कांग्रेस में उठे विरोध के स्वर को देखते हुए फिलहाल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने इन्दौर के निर्णय को होल्ड कर दिया है। मगर कल शाम गांधी भवन पहुंच कर विधिवत पदभार ग्रहण करने वाले अरविंद बागड़ी का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने फिलहाल आदेश को सिर्फ होल्ड किया है, निरस्त नहीं । इसलिए अध्यक्ष पद की कुर्सी बैठने का हकदार में ही हूं, क्योंकि निर्णय को होल्ड किया गया है, मुझे हटाया नहीं गया है। मचे घमासान के बीच फिलहाल महासचिव बनाए गए विनय बाकलीवाल अपना अध्यक्ष पद बचाने के लिए आज सुबह पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात करने अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ भोपाल रवाना हुए हैं। उनके साथ 150 से ज्यादा कांग्रेसी पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ से मिलेंगे।
ऊपर संगठन की मजबूती का पाठ नीचे जल रहा था पुतला
हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को लेकर कल गांधी भवन में आयोजित बैठक में जब वरिष्ठ कांग्रेसी पार्टी और संगठन की मजबूती का ऊपर पाठ पढ़ा रहे थे, तभी नवनियुक्त अध्यक्ष से असतुंष्ट कुछ कांग्रेसी पुतला फूंक रहे थे।
हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को लेकर गांधी भवन कांग्रेस कार्यालय पर मोर्चा संगठन एवं प्रकोष्ठ अध्यक्षों की बैठक गांधी भवन कांग्रेस कार्यालय में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान को सभी विधानसभाओं में वार्ड, ब्लॉक स्तर पर चलाए जाने के साथ ही मध्यप्रदेश में भाजपा की 18 साल की सरकार की जनविरोधी नीतियों और ही कमलनाथ की सरकार के डेढ़ वर्ष सरकार की उपलब्धियों को लेकर जनजागरण अभियान चलाए जाने और हर गली, मोहल्ले में हर समाज, हर वर्ग के लोगों को जोडऩे के लिए प्रेरित किया जाएगा। बैठक में उपस्थित अलग-अलग मोर्चा संगठनों के अध्यक्षों को जिम्मेदारियों सौंपे जाने के निर्णय लिए जा रहे थे, तब नीचे अध्यक्ष पद को लेकर हुए विवाद के चलते नवनियुक्त अध्यक्ष अरविंद बागड़ी के पुतले बाकलीवाल समर्थकों द्वारा जलाए जा रहे थे।