इंदौर न्यूज़ (Indore News)

फंसे बाकलीवाल, समर्थकों द्वारा पुतला जलाना भारी पड़ गया, 9 कांग्रेसियों को थमाए नोटिस

  • बाकलीवाल से 10 दिन तो समर्थकों से 7 दिन में मांगा जवाब

इंदौर। शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद (city congress president) से हटाए गए बाकलीवाल को उनके समर्थकों की नासमझी भारी पड़ गई। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने बाकलीवाल (Bakliwal) समेत उनके समर्थकों को अनुशासनहीनता का नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। बाकलीवाल को 10 दिन का तो समर्थकों को 7 दिन का समय दिया गया है।

कांग्रेस अध्यक्ष पद पर अरविन्द बागड़ी की नियुक्ति के बाद कई कांग्रेसियों ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ मैसेज चलाए और उन्हें फूलछाप कांग्रेसी कहते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष कमलनाथ से अपना फैसला बदलने की मांग की और विनय बाकलीवाल के समर्थकों ने बागड़ी का पुतला तक जलाया। इसके बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से बागड़ी की नियुक्ति का मामला होल्ड पर कर दिया गया। कल अनुशासन समिति के प्रभारी और प्रदेश उपाध्यक्ष चन्द्रप्रभाष शेखर ने विनय बाकलीवाल को नोटिस जारी कर पूछा कि आपके साथियों ने अनुचित नारे लगाए और कांग्रेस की रीति-नीति के विरूद्ध पुतला जलाया गया। उनसे पूछा गया कि आपका दायित्व था कि इस तरह के प्रदर्शन को रोका जाए, जो आपने नहीं किया। बाकलीवाल से 10 दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है, वहीं बाकलीवाल समर्थक तेजप्रकाश राणे, संतोष वर्मा, पुखराज राठौड़, नीलेश सेन शैलू, इम्तियाज बेलिम, संजय बाकलीवाल, गणपत जारवाल, जिनेश झांझरी को भी पुतला जलाने के मामले में नोटिस देकर 7 दिन में स्पष्टीकरण मांगते हुए कहा कि क्यों ना आपको पार्टी की सदस्यता से निष्कासित कर दिया जाए।

महिला कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर भी महिला नेत्रियों में दिखाई दिया आक्रोश
झंडावंदन कार्यक्रम के पश्चात वहां मौजूद कांग्रेस के नेताओं के सामने महिला नेत्रियां जा पहुंचीं और वर्तमान महिला शहर कांग्रेस अध्यक्ष जया तिवारी को लेकर अपना आक्रोश जताते हुए उन्हें निष्क्रिय और घमंडी कहने लगीं। महिला नेत्रियों ने महिला अध्यक्ष को भी हटाने की बात कही है। तिवारी की नियुक्ति पिछले साल ही की गई है और वे बाकलीवाल गुट की बताई जाती है। इसलिए भी कांग्रेस नेत्रियों ने उनका विरोध कर डाला।


बाकलीवाल-बागड़ी के साथ दावेदार मुंह ताकते रहे….प्रभारी अध्यक्ष ने फहराया तिरंगा
कल वैसे तो पूरे शहर में राष्ट्रीय पर्व गणतंत्र दिवस के अवसर पर ध्वज वंदन के अनेकों कार्यक्रम आयोजित हुए, मगर कांग्रेस कार्यालय पर आयोजित हुए झंडावंदन का कार्यक्रम खासा चर्चा में रहा, क्योंकि कल गांधी भवन पर आयोजित हुआ यह कार्यक्रम अध्यक्ष पद के लिए शक्ति प्रदर्शन बनकर रह गया। पूर्व अध्यक्ष और होल्ड अध्यक्ष के साथ दावेदार मुंह ताकते रह गए और प्रभारी अध्यक्ष महेन्द्र जोशी ने ध्वज फहराया। हालांकि अध्यक्ष पद की चाह में बागड़ी के साथ बाकलीवाल ने भी जहां भीड़ जुटाई, वहीं एक अन्य दावेदार गोलू अग्रिहोत्री भी अपने साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं को लेकर पहुंचे, जिससे कार्यालय पर अच्छी-खासी भीड़ नजर आई।

अरविन्द बागड़ी ने ऐसे किया शक्ति प्रदर्शन
चार दिन पूर्व शहर कांग्रेस अध्यक्ष बनाए गए अरविन्द बागड़ी पद पाने के लिए कल गांधी भवन पर सैकड़ों कार्यकताओं की फौज लेकर पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान वहां मौजूद मीडियाकर्मीयों ने जब झंडा उठाने वाले युवकों से पूछताछ शुरू की तो कुछ की जबान फिसल गई और वे यह कहते दिखाई दिए कि हम बागड़ी जी के यहां काम करते हैं, कुछ कहने लगे कि हम रालामण्डल से आए हैं। इसके ठीक बाद वहां पर ठेके पर उन्हें लाए जितेन्द्र नामक युवक ने सभी को डांट पिलाते हुए कहा कि तुम्हें समझाकर लाया था कि कोई भी कुछ पूछे तो सिर्फ कहना कि हम बागड़ी जी के समर्थन में आए हैं।

गांधी भवन के सामने राष्ट्रगान में झगड़े कांग्रेसी
कांग्रेस कार्यालय गांधी भवन पर कल गणतंत्र दिवस पर आयोजित हुए कार्यक्रम में अव्यवस्था के चलते विवाद की स्थित बन गई। राष्ट्रगान शुरू ही हुआ था कि प्रभारी अध्यक्ष के नजदीक पहुंचने की आपा-धापी में दो कांग्रेसी नेता आपस में झगड़ लिए और चलते राष्ट्रगान में एक-दूसरे को देखने की धमकियां देने लगे।

अध्यक्ष विवाद को देखते हुए बड़े नेताओं ने बनाई दूरी
चार दिन पूर्व उपजे शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर चल रही खींचतान को लेकर कल गांधी भवन में आयोजित हुए कार्यक्रम में शहर के बड़े कांग्रेसी नेता दूर ही रहे। 15 अगस्त को मौजूद रहने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री सज्जनसिंह वर्मा, विधायक जीतू पटवारी और संजय शुक्ला कल कहीं नजर नहीं आए।

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