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अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा से पहले मिशन-50, BJP का प्लान जमीन पर उतारने में जुटे PM मोदी

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी सत्ता की हैट्रिक लगाकर इतिहास रचने की जुगत में है तो कांग्रेस ने पीएम नरेंद्र मोदी के ‘विजयरथ’ को रोकने के लिए हरसंभव कोशिश में जुटी है. अयोध्या में रामलला के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले पीएम मोदी मिशन-साउथ का मोर्चा संभाल लिया है, क्योंकि बीजेपी के लिए दक्षिण का किला भेदना हमेशा से चुनौती रहा है.

कर्नाटक की सत्ता हाथ से फिसल जाने और तेलंगाना में मिली मात के बाद दक्षिण की राजनीतिक लड़ाई इतनी आसान नहीं लग रही है. इसलिए नरेंद्र मोदी ने तबड़तोड़ साउथ के दौरे शुरू कर दिए है. पीएम कल मंगलवार को दो दिवसीय दौर पर केरल और आंध्र प्रदेश जा रहे हैं, 2 हफ्ते के अंदर यह उनका दूसरा दक्षिण दौरा है. इससे पहले तमिलनाडु, लक्षद्वीप और केरल का दौरा करके बीजेपी के समीकरण को दुरुस्त करने की दांव चल चुके हैं.

दक्षिण भारत के 5 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में कुल 131 लोकसभा सीटें है, जिसमें से बीजेपी 2019 के चुनाव में महज 29 सीटें ही जीत मिल पाई थी. इन 29 में से 25 सीटें अकेले कर्नाटक से आई थीं और 4 सीटें तेलंगाना में मिली थी. आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु में बीजेपी का खाता तक नहीं खुला था. बीजेपी ने 2024 के चुनाव में 400 सीटें जीतने का टारगेट तय किया है, जिसमें दक्षिण भारत की 131 में से करीब 50 सीटें अपने नाम करने का प्लान बनाया है. बीजेपी के साउथ के मिशन-50 फॉर्मूले के धरातल पर उतारने का जिम्मा पीएम मोदी ने खुद संभाल रखा है, जिसके लिए दक्षिण के 5 राज्यों में खूब प्रचार करेंगे और विकास की कई योजनाएं भी शुरू करेंगे.

केरल और आंध्र प्रदेश को देंगे करोड़ों की सौगात

बीजेपी के मिशन-साउथ के तहत पीएम मोदी ने अलग-अलग राज्यों का दौरा भी शुरू कर दिया है. नए साल के दस्तक के साथ ही पीएम मोदी ने तमिलनाडु के दौरे पर थे, जहां 20 हजार करोड़ रुपये की विकास की सौगात से नवाजा था. इसके बाद दूसरे दिन पीएम मोदी केरल में थे जहां उन्होंने त्रिशूर में एक भव्य रोड शो और एक जनसभा को संबोधित किया था फिर लक्षद्वीप पहुंचे थे. इसके बाद अब मंगलवार को दोबारा से केरल के दौरे पर पहुंच रहे हैं और साथ ही आंध्र प्रदेश भी जाएंगे. पीएम मोदी ने इन 2 राज्यों को करीब 4000 करोड़ रुपए का सौगात देंगे. साथ ही प्रधानमंत्री केरल के गुरुवयूर मंदिर और त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिर में पूजा और दर्शन करेंगे. प्रधानमंत्री इस दौरान आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले के पलासमुद्रम में राष्ट्रीय सीमा शुल्क, अप्रत्यक्ष कर और नारकोटिक्स अकादमी के नए परिसर का उद्घाटन करेंगे.


दक्षिण भारत के राज्यों में बीजेपी का वोट शेयर बढ़ाने और अधिक सीटें जीतने का जिम्मा पीएम नरेंद्र मोदी ने खुद संभाल लिया है, जिसके लिए उन्होंने तबड़तोड़ दौरे भी शुरू कर दिए हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव के लिहाज से पीएम मोदी का दक्षिण भारत के राज्यों का दौरा काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 में 5 दक्षिणी राज्यों की कम से कम 40-50 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए बीजेपी ने कर्नाटक की 25 और तेलंगाना की 4 सीटों को बरकरार रखते हुए आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में कमल खिलाने की कोशिश में है. इस तरह से दक्षिण भारत की 131 सीटों में से 40 से 50 सीटें कम से कम जीतने का टारगेट 2024 के चुनाव में सेट कर रखा है और उसके लिए पार्टी ने अपने दिग्गज नेताओं को भी लगा दिया है.

कर्नाटक में JDS के साथ BJP का करार

कर्नाटक विधानसभा चुनाव चुनाव में हार के बाद भी बीजेपी का वोट शेयर नहीं गिरा है, लेकिन सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद बीजेपी ने जनता दल सेकुलर (जेडीएस) से हाथ मिला लिया है. कर्नाटक में कांग्रेस के खिलाफ बीजेपी और जेडीएस एक साथ आए गए हैं, इस वजह से बीजेपी ने फिर से अपनी सीटें बरकरार रखने की स्टैटेजी बनाई है. इसके अलावा पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बेटे को कर्नाटक में बीजेपी की कमान सौंप दी गई है. तेलंगाना चुनाव में हार के बाद बीजेपी को 2024 में अपने बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है. 2019 में बीजेपी 4 सीटें तेलंगाना में जीतने में कामयाब रही थी जबकि राज्य में 17 लोकसभा सीटें है. बीजेपी तेलंगाना में कम से कम 5 से 7 सीटें जीतने का जतन लगा रही है, जिसके लिए ओबीसी से लेकर दलित समुदाय के वोट जोड़ने में लगी है.

बीजेपी के निशाने पर केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश भी हैं. बीजेपी इन तीनों ही राज्यों में एक भी सीटें 2019 में नहीं जीत सकी थी, लेकिन 2024 में कुछ सीटें जीतने की उम्मीद कर रही है. बीजेपी की केरल में राहुल गांधी के खिलाफ वायनाड से मजबूत उम्मीदवार खड़ा करने की तैयारी है. सीनियर लीडर ने बताया कि चुनाव प्रचार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह की रैलियों में दक्षिण पर खास जोर होगा. पार्टी मोदी के नाम पर वोट मांगने की तैयारी में है. इसके अलावा आंध्र प्रदेश में कांग्रेस लगातार अपने सियासी ग्राफ बढ़ाने में जुटी है, जिसके लिए दूसरे दलों के मजबूत नेताओं को अपने साथ मिला रही है. बीजेपी की टीडीपी के दिग्गज नेताओं पर नजर है. इसी तरह से केरल में भी बीजेपी के टारगेट पर कांग्रेस के कई नेता है, जिन्हें अपने खेमे में लेने की जुगत में है.

दक्षिण में सीटों का समीकरण

दक्षिण भारत में कुल 131 लोकसभा सीटें आती हैं, जिनमें कर्नाटक में 28, तेलंगाना में 17, आंध्र प्रदेश में 25, तमिलनाडु में 39, केरल में 20, पुडुचेरी और लक्षद्वीप में 1-1 सीट हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे देखें तो बीजेपी 29 संसदीय सीटें जीतने में सफल रही थी. वहीं, कांग्रेस ने 27 सीटें जीती थी तो क्षेत्रीय दलों के खाते में 75 सीटें आई थीं, जिसमें ज्यादतर गैर-बीजेपी दल ही हैं. जिन क्षेत्रीय दलों ने 75 सीटें जीती थी, उसमें वाईएसआर 25, डीएमके 20, बीआरएस ने 9 सीटें जीती थी. ऐसे में देखना है कि पीएम मोदी के एक के बाद एक दक्षिण भारतीय राज्यों के दौरे से बीजेपी के लिए किस तरह की सियासी जमीन तैयार होती है. क्या पार्टी के लिए सियासी बंजर मानी जा रही जमीन पर क्या कमल खिलाने में कामयाब हो पाएगी?

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