इंदौर। भय्यूजी महाराज आत्महत्या मामले में जिला अदालत में गवाहों के बयान दर्ज होने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। शुक्रवार को भय्यूजी महाराज की बेटी कुहू ने अपना बयान दर्ज कराते हुए कहा कि वह उनके पिता की दूसरी शादी यानि आयुषी के साथ विवाह करने के फैसले से खुश नहीं थी।
अदालत में अपर सत्र न्यायाधीश एम के जैन के सामने कुहू का बयान दर्ज किया गया। शासन की ओर से अपर लोक अभियोजक श्याम डांगी ने कुहू के बयान दर्ज कराए। आत्महत्या कांड में आरोपी पलक की ओर से वरिष्ठ वकील अविनाश सिरपुरकर ने इन बयानों को क्रॉस चेक किया। क्रॉस में कुहू ने कहा कि वह महाराज और आयुषी की शादी से खुश नहीं थी और कुहू ने विवाह से पहले ही अपने पिता को यह साफ कर दिया था कि वह आयुषी को अपनी मां की जगह नहीं दे सकती। वहीं अविनाश सिरपुरकर के सवाल पर कुहू ने स्वीकार किया कि घटना के तीन दिन बाद यानि कि 15 जून 2018 को उसने पुलिस से कहा था कि उसे नहीं पता कि पिता ने आत्महत्या क्यों की और कहा था कि उन्हें किसी पर शक नहीं है।
कुहू ने अपने बयान में कहा कि विनायक ने उन्हें बचपन से पाला है, वो उसके भाई जैसा था। हालांकि कुहू ने पुलिस के खिलाफ कोई बयान नहीं दिया। कुहू ने बताया कि 14-15 साल की उम्र तक उसने पुणे में अपनी पढ़ाई की। पिता ने मैनेजर पलक को नौकरी से निकाल दिया था।
बता दें कि आरोपी शरद की ओर से धर्मेंद्र गुर्जर पैरवी कर रहे हैं। वकील गुर्जर के अनुसार, इंदौर में पिता की इतनी संपत्ति होने के बाद भी कुहू होटल में ठहरी। उन्होंने उसके आने-जाने और ठहरने का खर्च पेश किए जाने की मांग की। बता दें कि साल 2018 में आध्यात्मिक संत भय्यूजी महाराज ने कथित तौर पर मंगलवार को दोपहर डेढ़ बजे के करीब अपने बंगले में खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी।