भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

12 जून को होगा हरिहर तीर्थ निर्माण संकल्प का भूमि पूजन

  • दिव्य सनातनी आयोजनों बीच देश के ज्ञानी मर्मज्ञ संतों के साथ मिलेगा विशिष्टजनों का सानिध्य

भोपाल। हिंदू धर्म में विष्णु (हरि) और शिव (हर) का सम्मिलित रूप हरिहर कहलाता है। इनको शंकरनारायण और शिवकेशव भी कहते हैं। विष्णु व शिव दोनों का सम्मिलित रूप होने के कारण हरिहर वैष्णव और शैव दोनों के लिये पूज्य हैं। उक्त जानकारी विधायक पंडित संजय सत्येंद्र पाठक ने पत्रकार वार्ता में दी। पाठक ने बताया विजयराघवगढ़ की ऐतिहासिक व मां शारदा की पावन धरा के समीप भव्य विहंगावलोकन कराते राजा पहाड़ के नाम से प्रचलित महानदी और कटनी नदी के संगम के रूप में पावन प्रयाग जैसी महत्ता लिए क्षेत्र में वृहद हरिहर तीर्थ निर्माण का संकल्प माता, पिता, गुरुवर और क्षेत्र के जन-जन के आशीर्वाद से लिया गया है। हरिहर शब्द ही अपने आप मे सृष्टि के पालनहार व उसके गतिमान होने की प्रेरणा देता है। देवतुल्य संतों की अनुमति से हरिहर तीर्थ क्षेत्र में 108 फीट की समूचे विश्व की सबसे ऊंची गगनचुंबी भगवान परशुराम की प्रतिमा की स्थापना के साथ भव्य तीर्थ श्री रामजन्म भूमि का रूप लिए मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का अलौकिक मंदिर। पालनहार भगवान शिव की आकर्षक प्रतिमा, द्वारपयुग का बोध कराती भगवान कृष्ण की ग्वाल बाल के साथ प्रतिमा सहित भक्त माता सबरी, राजा निषादराज की जीवंत रूप लिए प्रतिमाओं के साथ सतयुग से कलयुग तक सत्य सनातन दर्शन का सुंदर वर्णन लिए एक दिव्य स्थल के निर्माण की कल्पना को साकार करने 12 जून से निरंतर एक सप्ताह तक संतों के सानिध्य का लाभ हम सभी को सौभाग्य के रूप में प्राप्त होगा।



संत समाज के साथ राजनेता भी होंगे शामिल
पाठक ने बताया कि इस विशाल व दुर्लभ हरिहर तीर्थ का भूमि पूजन समारोह देश के विख्यात संत जनों जगतगुरु रामभद्राचार्य, स्वामीअवधेशानंद गिरी की सौभाग्यशाली उपस्थित में किया जाएगा। इस अवसर के साक्षी बनेंगे हमारे प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रोफेसर गिरीश त्रिपाठी। शुभ मुहूर्त में इस भूमि पूजन समारोह में आप सभी की उपस्थिति हमारे संकल्प को गतिमान बनाएगी। इस अवसर पर संतश्रेष्ठ रामभद्राचार्य के श्रीमुख से सभी श्रद्धालु श्री रामकथा का श्रवण करेंगे। पांच दिवसीय रामकथा की सुंदर तिथियों के मध्य हमे सानिध्यता मिलेगी दीदी साध्वी ऋतंबरा की। महामंडलेश्वर कैलाशनंद गिरी, जितेंद्रनंद सरस्वती, राजेश्वरानंद आदि का भी आशीर्वाद मिलेगा। संत जनों के शुभाशीष अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी का आतिथ्य भी प्राप्त होगा।इस मौके पर सत्य सनातन सांस्कृतिक धर्मसभा के रूप में 13 जून को संतों के मध्य विमर्श शास्त्रार्थ भी आयोजित होगा, जिसका संचालन प्रख्यात ओजपूर्ण वक्ता अभिनेता आशुतोष राणा करेंगे।

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