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बिलकिस बानो का दोषी सरेंडर के बाद फिर से आया बाहर, जाने क्या है मामला

दाहोद (dahod) । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश पर बिलकिस बानो मामले (bilkis bano case) में दोषियों के जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करने के कुछ दिनों बाद उनमें से एक को उसके ससुर के निधन के कारण गुजरात हाई कोर्ट ने पांच दिन की पैरोल दी है। पुलिस के एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। दाहोद जिले के निवासी दोषी प्रदीप मोढिया को पैरोल पर गोधरा जिला जेल (Godhra District Jail) से रिहा कर दिया गया है।


सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गोधरा दंगों के बाद गुजरात की महिला बिलकिस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उसके सात रिश्तेदारों की हत्या के मामले में सभी 11 दोषियों की सजा में छूट को पिछले महीने रद्द कर दिया था। दाहोद जिले की पुलिस उपाधीक्षक विशाखा जैन ने कहाकि गुजरात उच्च न्यायालय ने एक दोषी प्रदीप मोढिया को उसके ससुर की मृत्यु के कारण पांच दिन की पैरोल दी है। यह अदालत और जेल के बीच का मामला है, क्योंकि वे न्यायिक हिरासत में हैं। उन्होंने कहाकि उसे पुलिस के सामने हाजिरी देने की जरूरत नहीं है। दोषी गोधरा जिला जेल में बंद हैं।

जेल के सूत्रों ने कहा कि उन्होंने हाई कोर्ट के आदेश पर मोढिया को पैरोल पर रिहा कर दिया है। दोषी ने अपने ससुर की मृत्यु का हवाला दे हाई कोर्ट में एक महीने की पैरोल के लिये याचिका दायर की थी, हालांकि न्यायाधीश एमआर मेंगडे ने पांच दिन की पैरोल की अनुमति दी। गुजरात सरकार ने कारावास के दौरान ‘अच्छे आचरण’ का हवाला देते हुए सजा में छूट के आवेदनों को स्वीकार करने के बाद बिलकिस बानो मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को अगस्त 2022 में समय से पहले जेल से रिहा कर दिया था। सरकार ने उसकी 1992 की नीति के अनुसार यह छूट दी थी।

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