बड़ी खबर राजनीति

उत्तर भारतीयों को ज्यादा टिकट देकर लुभाएगी भाजपा, इसी वोट बैंक से केजरीवाल ने लगाई थी सेंध

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी गुजरात विधानसभा चुनाव में उत्तर भारतीयों को लुभाने के लिए उन्हें ज्यादा सीटों पर उतार सकती है। पार्टी पदाधिकारियों से उत्तर भारतीयों की बहुलता वाली सीटों पर उत्तर भारतीय समुदाय के जिताऊ चेहरों की पहचान करने के लिए जमीनी स्थिति का आकलन करने के लिए कहा गया है। इससे पार्टी को दक्षिण गुजरात की 20 से 25 सीटों पर जीत हासिल करने में मदद मिलेगी, साथ ही अन्य 50 सीटों पर वह बढ़त वाली स्थिति में आ सकती है। इसे आम आदमी पार्टी की गुजरात में पकड़ को कमजोर करने की रणनीति भी माना जा रहा है क्योंकि इसी वोट बैंक के सहारे अरविंद केजरीवाल ने भाजपा के गढ़ सूरत को भेदने में सफलता पाई थी।

दरअसल, महाराष्ट्र की तरह गुजरात में भी यूपी, बिहार और मध्यप्रदेश से गए उत्तर भारतीयों की बड़ी आबादी निवास करती है। एक अनुमान के मुताबिक इनकी संख्या 30 लाख से ज्यादा हो सकती है। ये दक्षिण गुजरात की 25 सीटों का परिणाम अकेले दम पर तय करने की स्थिति में हैं। भरूच, बलसाड, वापी, नवसारी, अंकलेश्वर, सूरत औद्योगिक नगरी वाले क्षेत्र हैं। सूरत के चौर्यासी, उधना और लिम्बाय्त विधानसभा इसी क्षेत्र में हैं जहां पीएम नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों बड़ी जनसभा को संबोधित किया था। दूसरे राज्यों से काम की तलाश में पहुंचे ज्यादातर उत्तर भारतीय इन्हीं इलाकों में बस गए हैं और वहां के मतदाता बन चुके हैं।

इसके आलावा उत्तर गुजरात, मध्य गुजरात और अन्य इलाकों की अलग-अलग विधानसभा सीटों पर इनकी संख्या दस हजार से 20 हजार के बीच है। अन्य समुदाय के मतदाताओं के साथ मिलकर ये किसी भी पार्टी को जीत की स्थिति में लाने में मददगार साबित हो जाते हैं। यही कारण है कि कोई भी राजनीतिक दल उत्तर भारतीयों की उपेक्षा कर गुजरात विजय की योजना नहीं बना सकता।

केजरीवाल ने साधा था यही वोट बैंक
सूरत नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी ने इन्हीं उत्तर भारतीयों को अपने साथ जोड़ने में सफलता पाई थी, जिससे उसने भाजपा के गढ़ में 27 सीटों पर सफलता दर्ज की थी। अरविंद केजरीवाल अहमदाबाद में अभी ही एक उत्तर भारतीय चेहरे को टिकट थमाकर उत्तर भारतीयों को अपने साथ जोड़ने की रणनीति पर काम करना शुरू कर चुके हैं, तो सूरत में भाजपा के उम्मीदवार को देखकर किसी उत्तर भारतीय को उतारने की योजना बना रहे हैं। माना जा रहा है कि यदि भाजपा ने इस बार सूरत में उत्तर भारतीयों को टिकटों में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया, तो केजरीवाल नगर निगम वाली कहानी दोबारा दोहरा सकते हैं।


आम आदमी पार्टी नेता लगातार इन्हीं मतदाताओं के बीच बैठकें कर इन्हें अपने से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। उत्तर भारतीय कामगारों के मजदूरों, ऑटो चालकों, हीरा कारीगरों और अन्य समुदायों के लोगों को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की जा रही है। केजरीवाल ने उत्तर भारतीय चेहरे गुलाब यादव को प्रभारी पद की अहम जिम्मेदारी देकर इस समुदाय को स्पष्ट संकेत भी दे दिया है। केजरीवाल की रणनीति देख भाजपा के कान खड़े हो गए हैं और वह सही चेहरे को उतारकर केजरीवाल के दांव को विफल करने की रणनीति बना रही है।

बड़ा चेहरा नहीं उभर पाया
उत्तर भारतीय लोगों की लंबे समय से शिकायत रही है कि वे भारतीय जनता पार्टी के लंबे समय से वोटर रहे हैं। वे गुजरात से लेकर यूपी-बिहार तक में भाजपा को प्रचंड जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाते रहे हैं, लेकिन इसके बाद भी उन्हें पर्याप्त सम्मान नहीं दिया गया। वहीं प्रांतीयों के नाम पर मराठी समुदाय को ज्यादा टिकट दे दिया जाता है, जबकि उत्तर भारतीयों के नाम पर उसके पास कोई बड़ा चेहरा नहीं है।

भाजपा में उत्तर भारतीय चेहरे के नाम पर मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी और विधायक मधु श्रीवास्तव का वर्चस्व है, लेकिन स्वयं इन नेताओं की पहचान उत्तर भारतीयों के रूप में नहीं होती। लिहाजा उनकी समस्याएं अनसुनी रह जाती हैं। लेकिन निचले स्तर से उत्तर भारतीयों में गहराते असंतोष को संभालने के लिए पार्टी ने नये चेहरों को अवसर देने की योजना बनाई है। इनमें अमित सिंह राजपूत, मनोज शुक्ल, यजुवेंद्र दुबे, दयाशंकर सिंह, राजेंद्र उपाध्याय और गिरिजाशंकर मिश्रा के नाम शामिल हैं। पार्टी की बदली रणनीति में इन नेताओं की किस्मत खुल सकती है।

संगठन मंत्री से उम्मीद
भाजपा ने उत्तर भारतीय मतदाताओं को संभालने के लिए ही संगठन मंत्री के रूप में रत्नाकर को जिम्मेदारी दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़, नया पदभार संभालने के बाद से ही वे उत्तर भारतीय मतदाताओं के बीच लगातार बैठकें कर रहे हैं और उन्हें पार्टी से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

Share:

Next Post

धड़ की मिस्ट्री सुलझाने में कई सवाल

Tue Oct 4 , 2022
सांवेर क्षेत्र के हाईवे से 100 मीटर अंदर मिला था धड़…मुंडी और हाथों की तलाश जारी इंदौर-उज्जैन के युवक की हो सकती है लाश, टोल प्लाजा के फुटेज खंगाल रही पुलिस इंदौर। सांवेर में खेत में मिले धड़ की मिस्ट्री सुलझाने में जुटी पुलिस के सामने कई सवाल खड़े हैं। युवक गांव का नहीं तो […]