- रांझी हत्याकांड का पर्दाफाश, तीन आरोपियों को पुलिस ने किया गिरफ्तार
जबलपुर। बहनों के बीच जेवरों के असली-नकली को लेकर हुए विवाद में उनके भाई दीपक को मौत के घाट उतरना पड़ा। दरअसल मृतक दीपक के बहनोई व भांजे ने एक नाबालिग के साथ मिलकर दीपक की पत्थर पटक कर हत्या कर दी थी। पुलिस ने उक्त मामले के तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर 24 घंटे में उक्त हत्याकांड का खुलासा कर दिया है। पुलिस ने बताया कि बीते दिवस जीसीएफ खण्डहर क्वाटर में एक व्यक्ति के मृत पड़े होने की सूचना पर पुलिस को आजाद नगर गंदी बस्ती गोकलपुर निवासी मृतक कपड़ा व्यवसायी दीपक कुलमाली की पत्नि प्रीति ने बताया कि वह अपने पति के साथ गोकलपुर में प्रीति गारमेंट के नाम से दुकान चलाती है। 29 सितंबर को उसके पतिदुकान गये थे, वह दोपहर 1 बजे दुकान पहुंची, लेकिन वैक्सीन लगने के कारण दुकान मे नहीं बैठी घर वापस आ गयी।
रात्रि 8.30 बजे उसकी पति से बच्ची की दवा लाने के सम्बंध में बात हुई। उसके पति दीपक रात 8.30 बजे तक दुकान बंद कर घर वापस आ जाते थे, जो रात 9-30 बजे तक घर वापस नहीं आये। उसने पति को फोन किया तो पति का मोबाईल बंद आया, पति कई बार लेट घर आते थे इस कारण वह इंतजार कर रही थी किंतु सुबह 8.30 बजे तक पति दीपक घर वापस नहीं आये। जिन्हें खोजने के लिये घर से निकली तो देखी कि जीसीएफ खण्डहर क्वार्टर के पास उसकी दुकान में उपयोग होने वाला थैला फटा हुआ पड़ा दिखा। जिस पर उसने पास जाकर देखा तो थैले में उसके पति का चार्जर और बच्ची की दवाई जो उसने मंगाई थी रखी थी। जिसे देखकर उसे आशंका हुई तो उसने अपने किरायेदार टंडन भैया को बुलाया, एवं उनके साथ जाकर खण्डहर क्वाटर में देखा तो बिल्डिंग न. 319 के 1 नम्बर क्वाटर में उसके पति मृत पड़े हुये थे सिर में चोट है, आसपास खून फैला हुआ है, किसी अज्ञात ने बडा पत्थर सिर पर पटककर उसके पति दीपक कुलमाली उम्र 45 वर्ष की हत्या कर दी है।
बहनों के बीच जेवरों का विवाद बना कारण
पुलिस ने संदेह के आधार पर मृतक दीपक के बहनोई बंटी उर्फ ओमप्रकाश को अभिरक्षा में लेकर सघन पूछताछ की। बंटी की पत्नि पांच बहिन है उसमें से एक बहिन नंदा फूलमाली शिक्षिका है,जो पहिले मृतक दीपक फूलमाली के साथ रहती थी। विवाद होने के बाद वह अपनी बहिन बबीता अर्थात बंटी उर्फ ओमप्रकाश सोमकुवर के पास आकर रहने लगी थी। नंदा फूलमाली ने करीब 8 लाख रुपये के सोने चादी के जेवर बबीता के पास रखे थे। माह जून में बबीता ने जेवर खोलकर देखा तो वह जेवर बेटेक्स के निकले थे। नंदा को आशंका थी कि यह सब काम बबीता के पति बंटी ओर उसके लडके सौरभ ने किया है तब वह बंटी का घर छोडकर फिर से दीपक के साथ रहने लगी थी।
बाप-बेटे ने मिलकर रची थी साजिश
दीपक फूलमाली अपनी बहिन नंदा फूलमाली का साथ दे रहा था। इस बात से बंटी उर्फ ओमप्रकाश, दीपक से रंजिश रखता था औेर उसने अपने लड़के सौरभ के साथ मिलकर दीपक को जान से मारने की योजना बनाई। दीपक प्रतिदिन दुकान बंद करके रात 8-30 बजे खण्डर क्वार्टरो के पास सेे होते हुए पैदल घर वापिस आता था। इस बात को जानते हुए बंटी 29 सितंबर मोटर सायकिल से गोकलपुर मे दीपक फूलमाली की रैकी करने लगा। सौरभ खण्हर क्वार्टरो के पास जाकर छिप गया जैसे ही दीपक दुकान बंद करके निकला तो बंटी ने फोन करके सौरभ को बताया।
गमछे से बांधा फिर पटका पत्थर
सौरभ अपने साथ एक अपचारी बालक को लाया था। जैसे ही दीपक खण्डहर क्वार्टरो के पास पहुंचा तो सौरभ ओर बंटी उर्फ ओमप्रकाश ने दीपक को पकड़ लिया एवं सौरभ ने दीपक के सिर में ईट मार दिया था और गमझे से मुह व गर्दन को बांध दिया, फिर बंटी अैोर सौरभ तथा अपचारी बालक, तीनों दीपक फूलमाली को ढकेलते हुए खण्डहर क्वार्टरो तक ले गये और दीपक को पटक दिया तथा बंटी ने दीपक के पैर पकड़ लिये और सौरभ ने दीपक के सिर में वही पड़ा कंक्रीट का बड़ा पत्थर उठाकर सिर में पटक कर दीपक की हत्या कर दी और तीनों वहॉ से भाग गये।