उज्जैन। शहर के लगभग एक दर्जन इलाकों में क्रॉस ड्रेनेज व्यवस्था नहीं होने के कारण बरसात के दौरान सडक़ों पर पानी भर जाता है। करीब एक सप्ताह पहले अग्रिबाण ने इस समस्या को प्रमुखता से उठाया था। आज सुबह निगम के अधिकारी ऐसे तीन इलाकों में पहुँचे और वहाँ क्रास ड्रेनेज तथा चेम्बर बनाने की योजना को फायनल किया।
उल्लेखनीय है कि उज्जैन शहर में जहाँ एक ओर पिछले ढाई साल से अमृत मिशन योजना के तहत 402 करोड़ की लागत से भूमिगत सीवरेज लाईन डालने का काम बेहद धीमी गति से चल रहा है, वहीं दूसरी ओर लॉकडाउन के बाद अनलॉक में अब स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुड़े काम भी शुरु किए जा रहे हैं। इस योजना में शहर के उन इलाकों में क्रास ड्रेनेज लाईन डालना है। जहाँ बरसात में सडक़ों पर पानी जमा हो जाता है। ऐसे क्षेत्रों में प्रमुख रूप से बेगमबाग क्षेत्र में दीवार के सहारे पानी भरने की समस्या रहती है। इसी तरह डाबरी पीठा से लेकर एटलस चौराहा तक बरसात में पानी घुटनों से ऊपर भर जाता है। कालियादेह गेट चौराहा से लेकर भार्गव चौराहा और सब्जी मंडी तक भी यही स्थिति बनती है। आज सुबह निगमायुक्त क्षितिज सिंघल और उपायुक्त योगेन्द्र पटेल सबसे पहले बेगमबाग क्षेत्र पहुँचे। यहाँ स्थिति देखने के बाद तय हुआ कि क्षेत्र में जमा होने वाला बरसात का पानी पाईप लाईन डालकर आगे नाले में छोड़ा जाएगा। इसी तरह एटलस चौराहा से लेकर डाबरी पीठा तक क्रास नाला बनाया जाएगा, इसके साथ ही 10 से 12 चेम्बर इलाके में बनाए जाएँगे ताकि बाद में सफाई भी की जा सके। इसी तरह कालियादेह गेट चौराहा से लेकर भार्गव मार्ग होते हुए सब्जी मंडी तक भी क्रास डे्रेनेज बनाया जाएगा।