- जीएसटी, ई-वे बिल के खिलाफ लामबंद हो रहे हैं कपड़ा कारोबारी
भोपाल। जीएसटी की दर 5 फीसदी से 12 फीसदी करने तथा ई-वे बिल को लेकर अब कपड़ा कारोबारियों के विरोध के स्वर तीखे होते जा रहे हैं। भोपाल सहित मप्र के कई जिलों के व्यापारियों द्वारा इसका लगातार विरोध किया जा रहा है। व्यापारियों द्वारा सांसदों के माध्यम से केंद्र की भाजपा सरकार पर अपनी मांगे मनवाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में अब इसे राष्ट्रीय आंदोलन का रूप देने की तैयारी चल रही है जिसे लेकर अन्य बड़े राज्यों के कारोबारियों की भोपाल सहित मप्र के कपड़ा कारोबारियों से रायशुमारी चल रही है। व्यापारी यूपी चुनाव में भाजपा सरकार के खिलाफ उतरेंगे।
बताया जाता है कि अगर मांगे नहीं मानी गई तो इस बार कपड़ा कारोबारी सीधे तौरे पर भाजपा की खिलाफत करेंगे। इसके लिए आंदोलन का मुख्य केंद्र उत्तर प्रदेश होगा जहां चुनाव होना है। यहां मप्र सहित अन्य राज्यों के कपड़ा कारोबारी एकजुट होंगे जिसका सीधा असर चुनाव पर पड़ सकता है। मप्र की बातें करें तो करीब एक महीने से व्यापारी विरोध कर रहे हैं। इंदौर, भोपाल, देवास, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, बुरहानपुर, ग्वालियर, जबलपुर, मनासा, गंजबासौदा, सतना, खरगोन, बैरागढ़, नागदा, सिरोंज सहित कई शहरों के संगठनों के पदाधिकारी शामिल हैं। इसके साथ ही आगमी दिनों में इससे भी बड़ी बैठक आयोजित कर आंदोलन की रूप रेखा तय करने को लेकर रणनीति बनी।
उप्र में बजाएंगे राष्ट्रीय आंदोलन का बिगुल
वैसे इस बात पर भी कपड़ा कारोबारियों में एक राय बन चुकी है कि आंदोलन का केंद्रीय बिंदु उप्र रहेगा। दरअसल वहां चुनाव तो है ही, इसके अलावा कानपुर गारमेंट्स का हब है। नोएडा, दिल्ली में हजारों एक्सपोर्ट व मेन्युफेक्चरिंग यूनिट्स हैं। इसके चलते राष्ट्रीय आंदोलन का बिगुल वहीं से बजेगा जो भाजपा के लिए बड़ी परेशानी बन सकता है खासकर चुनाव को लेकर। इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय जैन ने बताया कि मांगे पूरी नहीं होने पर सभी कपड़ा कारोबारी व उनके परिवार के लोग आगामी चुनाव में भाजपा को वोट नहीं देंगे और न ही किसी अन्य राजनीतिक दल को।