इंदौर न्यूज़ (Indore News)

ऊंट चर रहे हैं खेत में, कॉलोनाइजर ने करवा डाली 200 भूखंडों की रजिस्ट्रियां

  • मामला श्री रॉयल टाउन का, किसानों के नाम जमीन पर भी बेच डाले भूखंड, डबल के साथ कई फर्जी रजिस्ट्रियां भी करवाईं, एफआईआर दर्ज होने पर थाने से ही मिल गई जमानत

इंदौर, राजेश ज्वेल। एक और बड़ा भू-घोटाला भाटंखेड़ी की श्री रॉयल टाउन का सामने आया है, जिसमें कालोनाइजर ने 70 बीघा पर बिना विकास अनुमति प्राप्त किए भूखंडों को ना सिर्फ बेच डाला, बल्कि लगभग 200 रजिस्ट्रियां करवा दी। जबकि मौके पर खेत हैं, जिसमें ऊंट चर रहे हैं। जिन लोगों ने भूखंड खरीदे अब वे चक्कर काट रहे हैं, क्योंकि कई लोगों के साथ धोखाधड़ी करते हुए डबल रजिस्ट्रियां हो गईं, तो जो जमीनें किसानों के नाम है उसे भी कालोनाइजर ने बेच दिया और कई फर्जी रजिस्ट्रियां भी करवा दी। बिजली, पानी, सडक़ सहित अन्य विकास कार्य करना भी इन रजिस्ट्रियों में दर्शाया गया है। कुछ समय पूर्व किशनगंज थाने पर प्रशासन की ओर से एफआईआर भी दर्ज करवाई गई, मगर कालोनाइजर राकेश अग्रवाल ने थाने पर ही जमावट कर जमानत हाथों हाथ ले ली और उसके बाद फर्जीवाड़ा जारी रखा।

नगर तथा ग्राम निवेश से भी अभिन्यास कुछ साल पहले मंजूर करवाया गया और उसकी अवधि भी 2016 में समाप्त हो गई। बावजूद इसके रजिस्ट्रियां लगातार जारी रही। तत्पश्चात 2021 में खसरा नंबर 292/4, 294/1 और 294 की लगभग 10 एकड़ जमीन पर भी एक अलग से अभिन्यास मंजूर करवाया और मजे की बात यह है कि इन जमीनों पर भी पहले से ही भूखंड बेच रखे हैं। तहसील महू के ग्राम भांटखेड़ी की 70 बीघा जमीन पर कालोनाइजर राकेश पिता मदनलाल अग्रवाल ने श्री रॉयल टाउन नाम से कालोनी काटी। वहीं एक अभिन्यास रॉयल सिटी के नाम से भी मंजूर करवाया और विकास अनुमति अभी तक हासिल नहीं हुई। जबकि मौके पर भूखंड ना सिर्फ बेचे, बल्कि 200 से ज्यादा रजिस्ट्रियां भी करवा दी। इसमें से लगभग 38 बीघा जमीन की रजिस्ट्री ही कालोनाइजर के नाम पर हुई और शेष जमीन किसानों के नाम पर ही है और उनका भी भुगतान बकाया है।

किसानों की जमीनों पर भी भूखंड बेच दिए, तो खुद किसान ने भी कई रजिस्ट्रियां कर दी। यानी एक ही जमीन पर डबल रजिस्ट्रियों के साथ भूखंडों के क्षेत्रफल में भी हेराफेरी की गई। उदाहरण के लिए ब्लॉक नम्बर 29 में भूखंड क्रमांक 11 की रजिस्ट्री सत्येन्द्र गुर्जर के नाम पर 13.03.2016 में करवाई, तो इसी भूखंड की रजिस्ट्री 31.03.2017 को संतोष मोदी के नाम पर भी करवा डाली। इस तरह के कई अन्य मामले भी हैं। राजस्व रिकॉर्ड में किसान के नाम पर खसरा नम्बर 379/2, 380/3 और 381/2 की जमीन लीलाधर पिता तुलाराम, श्रीमती हीराबाई देवी सिंह व अन्य के नाम पर है। कई भूखंड रसीदों पर बेच दिए और लाखों रुपए की राशि ले ली। इस तरह के फर्जीवाड़े के चलते महू के तत्कालीन एसडीओ के निर्देश पर पटवारी ने 04.02.2022 को किशनगंज थाने पर एफआईआर भी कालोनाइजर राकेश अग्रवाल के खिलाफ दर्ज करवाई, जिसमें स्पष्ट कहा गया कि सर्वे नम्बर 292 व अन्य पर बिना विकास अनुमति रोड और प्लॉट काटकर रॉयल सिटी कालोनी का निर्माण किया गया और कई लोगों के साथ धोखाधड़ी की गई। कालोनी की अनुमति के संबंध में कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए और यह भी स्वीकार किया कि उसने कार्यालय में कोई विकास अनुमति नहीं ली है। जबकि उसके द्वारा जो रजिस्ट्रियां करवाई गई उसमें इस बात का उल्लेख किया गया कि कालोनी में सडक़ें, अंडरग्राउंड ड्रैनेज लाइन, पानी की लाइन, ओवहेड वॉटर टैंक सहित अन्य विकास कार्य करवा दिए हैं। जबकि टीएनसीपी से जो अभिन्यास मंजूर करवाया था उसकी भी समय सीमा समाप्त हो गई और बाद वाला अभिन्यास भी जल्द समाप्त हो रहा है। कालोनाइजर लाइसेंस, डायवर्शन सहित अन्य अनुमतियां भी नहीं ली गई। यहां तक कि पिछले दिनों रेरा ने भी जिन 12 कॉलोनियों की अनुमति निरस्त की थी उसमें यह रॉयल टाउन कालोनी बी शामिल रही।

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