वॉशिंगटन। कोरोना वायरस की महामारी के दौरान हैंड सैनिटाइजर्स (Hand sanitizers) की मांग बढ़ गई। इस दौरान कई नए सैनिटाइजर भी मार्केट में आ गए। अब एक नए Analysis में पाया गया है कि इनमें कैंसर (Cancer) पैदा करने वाले केमिकल कार्सिनोजेन (carcinogen) पाए जाते हैं। कनेटिकेट की ऑनलाइन फार्मेसी वैलिश्योर का कहना है कि उसे कई ब्रैंड्स के सैनिटाइजर्स में बेंजीन मिली है। इसे ऐस्बेटॉस जितना खतरनाक माना जाता है और कई कंपनियों के उत्पाद में अमेरिकी FDA को आठ गुना ज्यादा मात्रा मिली।
वैलिश्योर ने FDA को लिखे खत में कहा है, ‘SARS-CoV-2 वायरस को फैलने से रोकने के लिए बच्चों और बड़ों के इस्तेमाल किए जाने उत्पादों में कार्सिनोजेन बेंजीन का मिलना चिंताजनक है।’ बेंजीन एक तरल केमिकल होता है जो आमतौर पर बेरंग होता है लेकिन सामान्य तापमान पर हल्के पीले रंग का हो जाता है। यह ज्वालामुखियों और जंगल की आग में निकलती है लेकिन डिटर्जेंट, डाई, लूब्रिकेंट और रबर में पाई जाती है।
ज्यादा बेंजीन से शरीर में रेड ब्लड सेल्स पर्याप्त मात्रा में पैदा नहीं होते हैं और वाइट ब्लड सेल्स को नुकसान से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization) की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (International Agency for Research on Cancer) ने बेंजीन को कैंसर पैदा करने वाला केमिकल बताया है। FDA ने लिक्विड हैंड सैनिटाइजर्स में दो पार्ट पर मिलियन की इजाजत दे रखी है लेकिन स्प्रेज में ऐसा रिकमेंडशन नहीं है। वैलिश्योर ने 168 ब्रैंड्स की 260 बोतलों का अनैलेसिस किया। इनमें से 17% में बेंजीन की मात्रा मिली।
ऑनलाइन फार्मेसी के टेस्ट रिजल्ट्स को येल यूनिवर्सिटी की केमिकल बायोफिजिकल इंस्ट्रुमेंटेशन सेंटर ऐंड बॉस्टन एनालिटिक्स ने वेरिफाई किया है। वैलिश्योर का मानना है कि बेंजीन ऐल्कोहॉल प्यूरिफिकेशन के दौरान सैनिटाइजर में आ गई होगी लेकिन पैकेजिंग से पहले इसे निकालना होता है। वैलिश्योर ने FDA से अपील की है कि इन सभी उत्पादों को वापस बुलाया जाए और एनालिसिस किया जाए। हैंड सैनिटाइजर्स में बेंजीन की मात्रा को सीमित करने की भी अपील की गई है।
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