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सर्वदलीय मान्यता के एकदलीय नेता अटल जी

– प्रभात झा देश के जन-जन के मन में अपनी ओज और तेजपूर्ण वाणी से एक अप्रतिम स्थान बनाने वाले भारत रत्न और 3 बार भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी की कल पुण्यतिथि है। सारा देश उन्हें नमन कर रहा है। नीति सिद्धांत, विचार एवं व्यवहार की सर्वोच्च चोटी पर रहते हुए सदैव […]

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लाल किले से बड़ा संदेश

– ऋतुपर्ण दवे यकीनन लाल किले की प्राचीर स्वतंत्रता के बाद से हर बरस देश के प्रधानमंत्रियों के उद्बोधन की साक्षी रही है लेकिन शायद यह पहला अवसर था जब दुनिया में फैली महामारी और इससे उपजे अवसाद के बीच नरेन्द्र मोदी के संतुलित, सारगर्भित और मोटीवेशनल भाषण ने वाकई देश को नई दिशा देने […]

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स्वाधीनता और गांधी का स्वराज

– गिरीश्वर मिश्र स्वाधीन भारत को राजनैतिक स्वतंत्रता मिले अब तिहत्तर साल हो रहे हैं। राष्ट्रीय जीवन में इस युगान्तरकारी परिवर्तन को सम्भव बनाने में जिन सामाजिक-राजनैतिक नायकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई उनमें महात्मा गांधी का नेतृत्व असंदिग्ध रूप से सर्वप्रमुख है। एक आदर्श व्यवहारवादी चिंतक के रूप में वे देश-विदेश में अध्ययन, अनुभव और […]

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असफलता की राजनीति

– अंबिकानंद सहाय “रहिमन धागा प्रेम का, मत तोरो चटकाय; टूटे पे फिर न जुरे, जुरे गाँठ परि जाय।” राजस्थान में राजनीतिक मोर्चे पर क्या हो रहा है, यह समझने के लिए आपको अब्दुल रहीम खानखाना द्वारा सदियों पहले लिखे गए इस उत्कृष्ट दोहे के सार को समझने की जरूरत है। कभी एक झटके में […]

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अभी आयकर में काफी काम बाकी है

– डॉ. वेदप्रताप वैदिक आयकर के मामले में सरकार की ताज़ा घोषणा देश के आयकरदाताओं को कुछ राहत जरूर पहुंचाएगी। अब आयकरदाताओं को अपना सारा हिसाब-किताब, शिकायत और कहा-सुनी- सबकुछ इंटरनेट पर करना होगा। दूसरे शब्दों में किसी खास अफसर को पटाने-मनाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। जब अफसर का नाम ही पता नहीं होगा तो […]

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राष्ट्रीय एकरूपता की छाया में स्वाधीनता दिवस

स्वाधीनता दिवस पर विशेष प्रमोद भार्गव स्वतंत्रता केवल राजनीतिक एवं आर्थिक नहीं होती, वह राष्ट्रीय और सांस्कृतिक भी होती है। सांस्कृतिक राष्ट्रीयता किसी राष्ट्र को एक सूत्र में बांधे रखने का काम करती है। भगवान राम ने उत्तर से दक्षिण और कृष्ण ने पश्चिम से पूरब तक की जो यात्राएं की थीं, वे घुसपैठिये आक्रांताओं […]

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नया उपभोक्ता संरक्षण कानून: क्या झिझक छोड़ने को तैयार हैं हम

– डॉ. अजय खेमरिया 20 जुलाई से लागू हो चुके नए उपभोक्ता संरक्षण कानून के साथ ही भारत में दावा किया जा रहा है कि उपभोक्ताओं के साथ ठगी और धोखाधड़ी खत्म हो जायेगी। बेशक 1986 के पूर्व प्रचलित कानून की तुलना में नया कानून व्यापक और समावेशी धरातल पर बनाया गया है और सरकार […]

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विश्व का खाद्यान संकट और भारत की तैयारी

– बिक्रम उपाध्याय किसी चीज की कीमत तब पता चलती है, जब वह बहुत मुश्किल से हासिल होती है। दुनिया के कई ऐसे देश हैं, जहां कोविड के बाद खाद्य संकट का डर बहुत तेजी से फैल रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ ने वैसे पहले ही चेतावनी दे रखी है कि कोरोना वायरस के विश्वव्यापी […]

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महर्षि अरविंद घोषः आजादी की राष्ट्रवादी राह का पथिक

– डॉ. राकेश राणा 15 अगस्त की तारीख अत्यंत महत्वपूर्ण दिन के रूप में देश को अद्वितीय अवदान देने वाली रही है। जहां आजादी का अविस्मरणीय संघर्ष इस दिन पूरा हुआ, वहीं श्री अरविन्द से भी यह दिन जुड़ा है। महर्षि अरविन्द घोष का जन्म 15 अगस्त, 1872 को कृष्ण-जन्माष्टमी के दिन कलकत्ता शहर में […]

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अखंड भारतः संकल्प से होगा सपना साकार

– डॉ. पवन सिंह मलिक अखंड भारत भारतवासियों के लिए केवल शब्द नहीं है। यह हमारी श्रद्धा, भाव, देशभक्ति व संकल्पों का अनवरत प्रयास है जिसे प्रत्येक देशभक्त जीवंत महसूस करता है । हम इस भूमि को माँ मानते हैं और पुत्रवत इस भूमि की सेवा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। हम कहते भी […]