- नीति के अनुसार मई, जून, जुलाई के आने थे आधे बिल
- किसी को एक महीने का ही फायदा मिला तो किसी को दो महीने
भोपाल। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने सरकार की मंशा को पलीता लगा दिया है। जुलाई में भी उन उपभोक्ताओं के बिल आधे होने थे, जिन्होंने अप्रैल में 400 रुपये तक की बिजली जलाई थी। बिजली कंपनी ने पॉलिसी के अनुसार उपभोक्ता को फायदा नहीं दिया है। जुलाई का पूरा बिल जारी किया है। वहीं शासन की ओर से इस महीने भी उपभोक्ता पर बिल आधे कराने का एसएमएस भेजा गया है।
कंपनी की चालबाजी पर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि मैं पॉलिसी को देखूंगा। इसमें जुलाई शामिल है और बिल आधे नहीं हुए हैं तो मैं खुद बिल आधे कराऊंगा। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते देशभर में मार्च-अप्रैल में लॉकडाउन किया गया था। लॉकडाउन के दौरान असंगठित क्षेत्र के मजदूर बेरोजगार हो गए। उनकी आर्थिक स्थिति खराब है। प्रदेश में घरेलू व गैर घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली बिल माफ करने की मांग जोरों से उठी। इसी बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बिलों को लेकर एक योजना लागू की। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद फॉर्मूला बनाया गया। फॉर्मूले के तहत उन उपभोक्ताओं के बिल स्वत: आधे हो जाएंगे, जिनका अप्रैल में बिल 100 से 400 रुपये तक आया था। इन उपभोक्ताओं का मई, जून, जुलाई का बिल आधा आएगा। किसी उपभोक्ता को मई के बिल में लाभ मिला तो किसी को जून के बिल में। जुलाई में किसी का भी बिल आधा नहीं किया गया। पूरे-पूरे बिल जारी किए गए हैं। पूरा बिल देखकर उपभोक्ता हैरान हैं। वहीं दूसरी ओर जुलाई में सरकार ने उपभोक्ताओं के पास बिल आधे कराने के मोबाइल पर एसएमएस भेजे हैं, लेकिन उपभोक्ता को पूरा बिल मिल रहा है। इससे उपभोक्ता ठगा महसूस कर रहा है।
संदेश की वजह से आए भ्रम में
मंत्रालय से सीधे उपभोक्ता के पास मुख्यमंत्री के नाम से एसएमएस भेजा जा रहा है। इस एसएमएस में पॉलिसी का सही उल्लेख नहीं किया है। एसएमएस में 400 रुपये से अधिक की खपत करने वाले के बिल आधा करने की जानकारी दी जा रही है, जिससे उपभोक्ता परेशान है। उसे कार्यालय तक जाना पड़ रहा है। एसएमएस में पॉलिसी की जानकारी नहीं दी जा रही है। पॉलिसी में अप्रैल में 400 रुपये तक बिल भरने वालों के ही आधे हो रहे हैं।
मई में काफी लोग कर चुके थे बिल जमा
सरकार ने बिल आधा करने की घोषणा मई में कर दी थी, लेकिन छूट का फार्मूला तैयार करने में काफी समय लग गया। 30 मई तक जिन उपभोक्ताओं को बिल जारी हो चुके थे, उसमें काफी लोग अपना बिल भर चुके थे। जो लोग बिल भर चुके थे, उनका पैसा वापस नहीं हुआ। मई में पैसा भरने वाले उपभोक्ता को एक महीने का ही फायदा मिला। जून का बिल ही आधा हुआ है। अब जुलाई में बिल आधा नहीं किया जा रहा है।