ज़रा हटके विदेश

2 उंगलियों के साथ पैदा होते हैं इस जनजाति के बच्चे, शुतुरमुर्ग जैसे हैं पैर, क्या पक्षी थे इनके पूर्वज?

कायेमबा. उत्तरी जिंबाब्वे (Zimbabwe) के कायेमबा (Kayemba) इलाका में, वडोमा (Vadoma Tribe) जनजाति के लोग रहते हैं. इन लोगों को डेमा या डोमा (dema or doma) नाम से भी जाना जाता है. इन्हें ऑस्ट्रिच फुट सिंड्रोम (Ostrich Foot Syndrome) की बीमारी है.

इंसानी सभ्यता की जब से शुरू हुई है, तब से ही इंसानों में अलग-अलग किस्म के परिवर्तनों को देखा गया है. पर उनका मूल स्वरूप, यानी दो पैर, दो हाथ, एक सिर, हाथ पैर में कुल मिलाकर 20 उंगलियां, आदि जैसी चीजें एक रही हैं. पर समय के साथ कुछ लोगों, या स्पष्ट तौर पर जनजातियों के मूल स्वरूप में फर्क आया है, जिसके बाद वो बाकी दुनिया के लोगों से अलग नजर आते हैं. अफ्रीका की एक जनजाति (Tribe with ostrich like feet) ऐसी ही है. इनके पैरों में सिर्फ दो उंगलियां हैं. इनके पैर शुतुरमुर्ग जैसे होते हैं. इस वजह से इस जनजाति के लोगों का मानना है कि इनके पूर्वज पक्षी हुआ करते थे.


डेली स्टार न्यूज वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार उत्तरी जिंबाब्वे (Zimbabwe) के कायेमबा (Kayemba) इलाका में, वडोमा (Vadoma Tribe) जनजाति के लोग रहते हैं. इन लोगों को डेमा या डोमा नाम से भी जाना जाता है. इन्हें ऑस्ट्रिच फुट सिंड्रोम (Ostrich Foot Syndrome) की बीमारी है. नाम ही आप समझ सकते हैं कि इनके पैर शुतुरमुर्ग जैसे नजर आते हैं. विज्ञानिक भाषा में इसे एक्ट्रोडैकटाइल (Ectrodactyly) भी कहते हैं.

जुड़े हुए हैं पैर
ये एक प्रकार की जेनटिक कंडीशन है, जो इन लोगों को जन्म से रहती है. इस वजह से इन लोगों का ये मनना कि इनके पूर्वज पक्षी थे, पूरी तरह गलत है. गूगल पर इस कंडीशन के बारे में खोजने पर आपको इसके कुछ और नाम, जैसे, लॉब्स्टर क्लॉ सिंड्रोम या टू-टोड सिंड्रोम मिल जाएंगे. ये कंडीशन इंसान के हाथ-पैर पर असर डालती है. पैदा होते ही बच्चे के हाथ या पैर की उंगलियां एक दूसरे से जुड़ी हुई रहती हैं. जो दिखने में ऑस्ट्रिच पक्षी जैसी लगती है. इनकी उंगलियां या अंगूठा जन्म से ही विकसित नहीं हो पाता है. जनजाति में ये बीमारी एक से दूसरे जेनरेशन से ट्रांसफर होती जा रही है.

सिर्फ अपनी जनजाति में ही शादी करते हैं ये लोग
डेली स्टार के मुताबिक, अमेरिकी व्लॉगर Drew Binsky ने भी इस जगह का दौरा किया था. रिपोर्ट के अनुसार वाडोमा बच्चों में से 25 फीसदी इस विकार के साथ ही पैदा होते हैं. ये लोग अपने समाज से बाहर शादी के बंधन में नहीं बंधते हैं. जनजाति के बाहर ये कंडीशन बेहद दुर्लभ है, ये 90 हजार में से सिर्फ 1 व्यक्ति पर ही असर डालती है. जनजाति के लोगों का ये भी मानना है कि किसी ने इनके कबीले पर काला जादू किया है, जिसकी वजह से उन्हें ये सजा मिली है.

Share:

Next Post

'कांग्रेस की लूट जिंदगी के साथ भी, बाद भी...' विरासत टैक्स पर गर्मायी सियासत, पीएम मोदी का कांग्रेस पर प्रहार

Wed Apr 24 , 2024
रायपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Surguja) में महारैली में शामिल होने के लिए पहुंचे. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री (CM) विष्णुदेव साय (Vishnudev Sai), सरगुजा लोकसभा प्रत्याशी चिंतामणि महाराज, मंत्री रामविचार नेताम, लक्ष्मी राजवाड़े, विधायक रेणुका सिंह समेत भाजपा (BJP) के कई बड़े नेता शामिल हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने […]