विदेश

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर चीन ने दी श्रद्धांजलि, बताया दोस्ती के लिए बड़ी क्षति

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर सारी दुनिया में शोक की लहर है। चीन, अमेरिका और रूस समेत कई देशों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। भारत के साथ चल रहे तनाव के बीच चीन ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि वह अनुभवी राजनेता थे और उनकी निधन से भारत और चीन की दोस्ती के लिए बड़ी क्षति है।

हम उनके निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और भारत सरकार और उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, अपनी 50 वर्षों की राजनीति में, प्रणब मुखर्जी ने चीन-भारत संबंधों में सकारात्मक योगदान दिया।
उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के 2014 के भारत दौरे के दौरान प्रणब मुखर्जी से मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों की मुलाकात के बाद एक संयुक्त बयान जारी कर कहा कि भारत और चीन को आपसी साझेदारी को और मजबूत करना चाहिए।
उधर अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन ने प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह एक लोक सेवक थे जो भारत और अमेरिका एक साथ मिलकर वैश्विक चुनौतियों का सामना करने में विश्वास रखते थे। उनके निधन से हम दुखी हैं।

उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं। अमेरिका के कई प्रमुख नेताओं और संगठनों ने भी मुखर्जी के निधन पर शोक जताया और कहा कि उन्हें भारत के सर्वश्रेष्ठ राजनेता और विद्वान के तौर पर उन्हें याद किया जाएगा।

अमेरिका के विदेश उपमंत्री स्टीफन बेगुन ने कहा कि अमेरिका-भारत की मजबूत साझेदारी मुखर्जी की कई स्थायी विरासतों में से एक होगी। अमेरिका के शीर्ष राजनयिक ने कहा, मंत्री रहते हुए प्रणब मुखर्जी ने अमेरिका और भारत के संबंधों को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन पर सोमवार को शोक जताते हुए कहा कि मुखर्जी रूस के सच्चे दोस्त थे जिन्होंने दोनों देशों के बीच विशेष रूप से रणनीतिक साझेदारी संबंधों को मजबूत करने में महत्वपूर्ण व्यक्तिगत योगदान दिया।

बंगलादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भेजकर अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। समाज कल्याण के लिए किए गए उनके योगदान को भारत की ही एशिया क्षेत्र के देश की आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा मिलेगी। नई दिल्ली स्थित बांग्लादेश उच्चायुक्त बुधवार को एक विशेष शोकसभा आयोजित करेगा।

मौत की मुख्य वजह कोरोना नहीं बल्कि ब्रेन ऑपरेशन : अभिजित
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के बेटे अभिजित मुखर्जी ने मंगलवार को कहा कि उनके पिता के निधन का मुख्य कारण कोरोना संक्रमण नहीं था बल्कि मस्तिष्क ऑपरेशन था। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पिता की उपस्थिति हमारे परिवार के लिए काफी बड़ा सहारा था, हम उन्हें हमेशा याद करेंगे।

मेरी योजना थी कि मैं उन्हें पश्चिम बंगाल लेकर जाऊं लेकिन मौजूदा कोरोना महामारी के प्रतिबंधों के चलते हम ऐसा नहीं कर सके। हम कोविड-19 के तहत सभी तरह के सुरक्षा मानकों का पालन कर रहे थे इसी वजह से पिछले चार महीनों से किसी बाहरी व्यक्ति से नहीं मिले। कई लोग उनसे मिलना चाहते थे लेकिन कोविड-19 के चलते वह मिलने नहीं आ सके।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दो मिनट का मौन रख पूर्व राष्ट्रपति को दी श्रद्धांजलि
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर मंगलवार को शोक प्रकट किया और कहा कि देश ने एक विशिष्ट नेता एवं उत्कृष्ट सांसद को खो दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दो मिनट का मौन रखकर मुखर्जी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक प्रस्ताव में कहा, मंत्रिमंडल भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के दुखद निधन पर गहरा शोक प्रकट करता है। उनके निधन से देश ने एक विशिष्ट नेता एवं उत्कृष्ट सांसद को खो दिया। मंत्रिमंडल ने कहा कि भारत के 13वें राष्ट्रपति मुखर्जी का प्रशासन में अतुलनीय अनुभव था जिन्होंने विदेश, रक्षा, वाणिज्य और वित्तमंत्री के रूप में देश की सेवा की।

प्रस्ताव के अनुसार, केंद्रीय मंत्रिमंडल राष्ट्र के प्रति उनकी सेवाओं की गहराई से सराहना करता है और सरकार एवं संपूर्ण राष्ट्र की ओर से शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करता है।

उत्कृष्ट व्यक्तित्व के धनी थे प्रणब : लॉर्ड स्वराज पॉल
भारतीय मूल के  मशहूर ब्रिटिश उद्योगपति लॉर्ड स्वराज पॉल ने भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें उत्कृष्ट व्यक्तित्व बताया और कहा, उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्र के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।

उनके परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। पॉल ने शोक संदेश में कहा, भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के असामयिक निधन की खबर सुन कर दुखी हूं। वह पिछले 53 वर्ष से मेरे मित्र थे। उन्होंने भारतीय मंत्रिमंडल का हर महत्वपूर्ण विभाग संभाला, फिर भारत के राष्ट्रपति बने और भारत रत्न भी हासिल किया।

मुखर्जी ने जनता के लिए किए काम: पोम्पियो
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने पूर्व राष्ट्रपति मुखर्जी के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि आधी सदी से ज्यादा तक एक सांसद, कैबिनेट मंत्री और दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के राष्ट्रपति के तौर पर प्रणब मुखर्जी ने बिना थके भारत की जनता के लिए काम किया।

उनके दूरदर्शी नेतृत्व ने भारत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभारने में मदद की और अमेरिका-भारत की मजबूत रिश्तों का मार्ग प्रशस्त किया। विदेशमंत्री और रक्षामंत्री के रूप में, उन्होंने यूएस-इंडिया सिविल न्यूक्लियर एग्रीमेंट, यूएस-इंडिया स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप की नींव रखी।

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