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नागरिक सुरक्षा संहिता, न्याय संहिता, साक्ष्य विधेयक… संसद के शीतकालीन सत्र में इन विधेयकों पर रहेगी सबकी नजर

नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. इस दौरान केंद्र सरकार सात नए और 11 पेंडिंग बड़े बिल को पास कराने के लिए पेश करने वाली है. इन सभी बिल या कहें विधेयकों पर चर्चा की जाएगी और फिर इन्हें पास किया जाएगा. शीतकालीन सत्र की शुरुआत 4 दिसंबर से हो रही है, जो 22 दिसंबर तक चलने वाला है. हालांकि, इस दौरान कुछ ऐसे विधेयक भी हैं, जिनकी सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है.

भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 उन प्रमुख विधेयकों में से जिन्हें संसद में पेश किया जाएगा. वहीं, शीतकालीन सत्र से पहले शनिवार (2 दिसंबर) को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई. इसमें राजनीतिक दलों के नेता शीतकालीन सत्र के एजेंडे पर चर्चा कर रहे हैं. यह बैठक संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुलाई है. इस बैठक में कांग्रेस, बीजेपी समेत सभी दलों के नेता शामिल हैं.

इन विधेयकों पर भी रहेगी सबकी नजर
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार की तरफ से लिस्ट किए गए सात नए विधेयकों में ‘केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (दूसरा संशोधन) विधेयक’ शामिल है. इसके जरिए जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों को लागू किया जाएगा. एक विधेयक तेलंगाना में सेंट्रल ट्राइबल यूनिवर्सिटी स्थापित करने को लेकर लाया जाएगा. जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी की विधानसभाओं में महिला कोटा तय करने के लिए सरकार दो विधेयक पेश करने वाली है.



सरकार ने लगभग 100 साल पुराने बॉयलर अधिनियम, 1923 को फिर से लागू करने के लिए बॉयलर विधेयक, 2023 को लिस्ट किया है. इसके जरिए लोगों की जान की सुरक्षा की जाएगी. इसने ‘टैक्स के प्रॉविजनल कलेक्शन विधेयक 1931’ को फिर से लागू करने के लिए ‘प्रॉविजनल टैक्स संग्रह विधेयक, 2023’ को भी लिस्ट किया है. ब्रॉडकास्टिंग सर्विस रेगुलेशन बिल, 2023 को लिस्ट नहीं किया गया है, क्योंकि इस पर सिफारिशें मांगी गई हैं.

विपक्ष हिंदी नामों पर कर सकता है विरोध
वहीं, इस बात की उम्मीद जताई जा रही है कि विपक्ष की तरफ से भारतीय न्याय संहिता विधेयक 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक 2023 और भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 के हिंदी नामों को लेकर आपत्ति जताई जा सकती है. पिछले हफ्ते पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर कहा था कि वह इन विधेयकों को तत्काल पारित करवाने में जल्बादी नहीं दिखाएं.

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