- नाराज आम आदमी पार्टी ने इसलिए की पंजाब में लोकसभा की सभी 13 सीटों पर अकेले चुनाव लडऩे की घोषणा
- मध्यप्रदेश में भी अकेले चुनाव लड़ सकती है आप
इंदौर, विकाससिंह राठौर। हाल के विधानसभा चुनाव की तरह ही आगामी लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने मध्यप्रदेश में आम आदमी पार्टी को ठेंगा दिखा दिया है। इसके बाद ‘आप’ ने पंजाब में सभी 13 लोकसभा सीटों पर अकेले ही चुनाव लडऩे की घोषणा कर डाली है और वो मध्यप्रदेश और गुजरात में भी ऐसा ही करने की तैयारी में है।
आप पदाधिकारियों ने बताया कि पार्टी ने कांग्रेस से मध्यप्रदेश और गुजरात में पांच-पांच लोकसभा सीटें मांगी थीं, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व इसके लिए राजी नहीं हुआ तो विधानसभा चुनाव की तरह ही लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे को लेकर इंडिया गठबंधन में खटास बढ़ गई। नतीजतन पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कल ही पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर डाली। हालत ये हुई कि पहले आम आदमी पार्टी ने मध्यप्रदेश और गुजरात में पांच-पांच सीटें मांगीं और फिर जब बात बनती नहीं दिखी तो ये आंकड़ा तीन-तीन पर भी आ गया, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व इस पर भी टस से मस नहीं हुआ और आम आदमी पार्टी को टका-सा जवाब दे दिया। ऐसे में इस बात की संभावना बढ़ गई है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस ही सभी 29 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इंडिया गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी और अन्य दलों को मध्यप्रदेश में लोकसभा की एक भी सीट लडऩे को नहीं मिलेगी। ऐसा ही गुजरात में भी होता दिखाई पड़ रहा है, जहां लोकसभा की सभी 26 सीटों पर सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ कांग्रेस अपने उम्मीदवार उतारेगी।
विधानसभा चुनाव में भी नजर नहीं आया था गठबंधन
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के समय भी आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी और इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य दलों ने कांग्रेस को गठबंधन धर्म की याद दिलाई थी और सीटों के बंटवारे की बात कही थी। आम आदमी पार्टी तो लंबे समय तक अपनी सूची ही जारी नहीं कर पाई थी। उसे विश्वास था कि कांग्रेस उसे कुछ सीटें लडऩे के लिए जरूर देगी। वहीं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बीच तो चलते चुनाव में तीखे बयानों का दौर भी हुआ था। कुल मिलाकर आम आदमी पार्टी और गठबंधन में शामिल अन्य दल मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के समय से ही कांग्रेस के रवैये से नाराज हैं और अब लोकसभा चुनाव में सीटों को लेकर खींचतान शुरू हो गई है। ऐसे में भाजपा के सामने एक बार फिर विपक्ष की बिखरी हुई ताकत नजर आ सकती है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने प्रदेश की 29 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी। सिर्फ छिंदवाड़ा एकमात्र ऐसी सीट थी, जहां पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ विजय दर्ज कर पाए थे।
अगर मध्यप्रदेश और गुजरात में सीट शेयरिंग नहीं तो पंजाब में भी नहीं होगी
आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव में मध्यप्रदेश और गुजरात में कांग्रेस से सीट शेयरिंग की मांग कर रही है, लेकिन इस पर कांग्रेस के इनकार से आम आदमी पार्टी पंजाब में भी अकेले चुनाव लड़ेगी और ऐसा ही मध्यप्रदेश और गुजरात में देखने को मिलेगा। अगर कांग्रेस गठबंधन धर्म निभाती है तो आप भी निभाएगी।
-मुकेश उपाध्याय, प्रदेश उपाध्यक्ष, आम आदमी पार्टी
प्रेशर पॉलिटिक्स
सीटों को लेकर जो खींचतान मची है और जैसे बयान आ रहे हैं यह एक तरह से प्रेशर पॉलिटिक्स है। इंडिया गठबंधन का जो दल जहां मजबूत स्थिति में है वो वहां सभी या ज्यादातर सीटों पर चुनाव लडऩा चाहता है और दूसरे दलों को आंखें दिखा रहा है।