भोपाल न्यूज़ (Bhopal News)

सर्वे रिपोर्ट के हवाले से कांग्रेस का दावा सभी सीटों पर होगी जीत

भोपाल। मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भले ही अभी तारीखों का ऐलान नहीं हुआ हो, लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने अपनी-अपनी जीत के लिए दावा ठोकना शुरू कर दिया है। कांग्रेस पार्टी का दावा है कि उसके द्वारा कराए गए सर्वे रिपोर्ट में सभी 27 सीटों पर नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आना बताया गया है। कांग्रेस का दावा है की 25 सीटों पर दल बदल कर विधायकों के भाजपा में शामिल होने के बाद भी सभी 27 सीटें कांग्रेस जीतेगी। पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने दावा किया है कि कांग्रेस पार्टी के सर्वे में कांग्रेस के पक्ष में नतीजे आना बताया गया है और कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग से मांग करती है कि प्रदेश में 27 सीटों का उपचुनाव जल्दी कराया जाए।
वहीं, कांग्रेस पार्टी के निजी एजेंसी के जरिए कराए गए सर्वे रिपोर्ट को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने 27 अगस्त को बड़ी बैठक बुलाई है, जिसमें सभी विधानसभा सीट के प्रभारी सह प्रभारी और पार्टी पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। कमलनाथ निजी एजेंसियों से मिली सर्वे रिपोर्ट को लेकर विधानसभा प्रभारियों के साथ मंथन करेंगे। सर्वे रिपोर्ट में जहां पर कमजोरी बताई गई है, उन इलाकों पर फोकस करने की रणनीति तैयार होगी। कांग्रेस पार्टी की कोशिश है कि इस बार उपचुनाव में 2018 के चुनाव नतीजों को दोहराते हुए 26 सीटों पर जीत हासिल की जाए और इसी रणनीति पर कांग्रेस पार्टी अब काम करती हुई नजर आ रही है। हालांकि, इससे पहले पीसीसी चीफ कमलनाथ दावा कर चुके हैं कि उपचुनाव में 20 से 22 सीटें कांग्रेस को हासिल होंगी, लेकिन अब कांग्रेस पार्टी ने 20 और 22 के आंकड़े से ऊपर जाने की तैयारी करना शुरू कर दिया है।

27 सीटों पर जीत का दावा किया है
वहीं, कांग्रेस के दावों के पलट भाजपा ने सभी 27 सीटों पर जीत का दावा किया है। भाजपा प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा है कि 2018 के चुनाव में 27 सीटों में से 1 सीट पर भाजपा को जीत हासिल हुई थी। जबकि 26 सीटों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। लेकिन अब 26 सीटों पर विधायक दल बदल कर भाजपा में शामिल हो गए हैं। ऐसे में भाजपा पहले के मुकाबले ज्यादा मजबूत हो गई है और ऐसे में सभी 27 सीटों पर भाजपा को जीत हासिल होगी।

27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव तय करेंगे
दरअसल, प्रदेश में 27 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव तय करेंगे कि प्रदेश की सत्ता में भाजपा बरकरार रहेगी या फिर कांग्रेस दोबारा सत्ता में आएगी। यही कारण है कि कांग्रेस पार्टी जहां निजी एजेंसियों से सर्वे कराकर हर तरीके का आकलन करने में जुटी हुई है, वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने अब चुनाव वाले इलाकों में पहुंचकर अपने पक्ष में काम शुरू कर दिया है। प्रदेश में इस बार 27 सीटों पर होने वाले कांटे के मुकाबले में हार जीत को लेकर दावे अभी से शुरू हो गए हैं, ताकि पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाया जा सके। लेकिन इन सबके बीच वोटर रूपी ऊंट किस करवट बैठेगा इसका अंदाजा लगा पाना अभी मुश्किल लग रहा है।

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