दिल्ली पुलिस के कई जवानों की कोरोना से मौत हुई, लेकिन कोरोना से दिल्ली पुलिस में सबसे पहली मौत कॉन्स्टेबल अमित राणा की हुई, जिसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अमित राणा के परिवार को एक करोड़ रुपए मदद देने का ऐलान किया था. एक साल बाद भी अमित के परिवार को मुआवजा नहीं मिला है.
कॉन्स्टेबल अमित राणा का परिवार फ़िलहाल हरियाणा (Haryana) के सोनीपत में रहता है. जिस वक्त अमित राणा की मौत हुई, उस समय वह भारत नगर पुलिस स्टेशन में तैनात थे. अमित राणा की मौत कोरोना संक्रमण (Corona infection) की वजह से हुई थी, लेकिन अभी तक उनके परिवार को मुआवजा नहीं मिला. अमित राणा की पत्नी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Chief Minister Arvind Kejriwal) को चिट्ठी लिखी है.
इस चिट्ठी में अमित राणा की पत्नी पूजा ने कहा, ‘जब मेरे ऊपर दुःखों का पहाड टूट पड़ा था, उस दुःख की घड़ी में मेरे पति की सेवाओं को याद करते हुए आपने एक करोड़ रुपये की सहायता राशि की घोषणा की थी. उस दुःखों के अंधेरे में वो मेरे लिए आशा की किरण थी किन्तु एक साल बीत जाने के बाद भी मुझे वो सहायता राशि नहीं मिल पाई.’
अमित राणा की पत्नी पूजा ने कहा, ‘कुछ लोगों को आपने दस दिन के अंदर ही सहायता राशि प्रदान की फिर मेरे साथ ही ऐसा भेदभाव क्यों? मेरे पास एक चार साल का बेटा व एक चार महीने की बेटी है, आज उनके भविष्य की चिंता सता रही है, यदि एक मुख्यमंत्री अपने किए हुए वादे को पूरा नहीं करेगा तो मैं शायद आगे जीवन में किसी पर विश्वास न कर पाऊं.’
दरअसल, कॉन्स्टेबल अमित राणा(Constable Amit Rana) की मौत के दौरान उनकी पत्नी गर्भवती थी, जिसके बाद उन्हें बेटी पैदा हुई थी. पूजा को दिल्ली पुलिस की तरफ से 23 लाख रुपए और नौकरी देने का वादा किया गया है, जिसमें से 23 लाख रुपए परिवार को दिए जा चुके हैं. पूजा पुलिस में भर्ती के लिए परीक्षा की तैयारी में जुटी हुई है.
गौरतलब है कि अमित राणा की मौत पिछले साल 7 मई को कोरोना से हुई थी. उन्हें तेज बुखार और तबियत बिगड़ने के बाद दीपचंद बंधु हॉस्पिटल (Deepchand Bandhu Hospital) में एडमिट कराया गया था, जिसके बाद उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल रेफर किया गया और वहां उनकी मौत हो गई थी. कोरोना से जान गंवाने वाले वह पहले दिल्ली पुलिस के जवान थे.
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